लोकतंत्र के महापर्व के चौथे चरण के चुनाव के लिए सोमवार सुबह सात बजे नौ राज्यों की 72 सीटों पर मतदान शुरू हो गया। इसी के साथ शाम को 945 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो जाएगा। इन सीटों पर 12 करोड़ 79 लाख से अधिक मतदाता हैं। इसके लिए एक लाख 40 हजार से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। फिलहाल मतदान की रफ्तार कहीं कम कहीं ज्यादा है।
शाहजहाँपुर, खीरी, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झाँसी और हमीरपुर में दो करोड़ से अधिक मतदाता कुल 152 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। कन्नौज से समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव, फर्रुखाबाद से कांग्रेस उम्मीदवार सलमान खुर्शीद और कानपुर से श्रीप्रकाश जायसवाल के अलावा उन्नाव में कांग्रेस की अनु टंडन और भाजपा के साक्षी महाराज चुनाव मैदान में है।
इस बीच आपको बताते चले मिली सूचना के मुताबिक पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वाराणसी संसदीय सीट से बाहुबली अतीक अहमद चुनाप लड़ सकते हैं। जेल में बंद अतीक अहमद के चुनाव लडऩे से राजनीति गर्मा गयी है। सूत्रों की माने तो अतीक के खास लोगों ने इस बात पर सहमति जता दी है कि बाहुबली अतीक अहमद वाराणसी से चुनाव लडऩा चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अतीक अहमद को नैनी जेल से गुजरात शिफ्ट किया जाना है ऐसे में अतीक अहमद वाराणसी से नामांकन प्रक्रिया कैसे पूर्ण करते हैं इस पर भी सभी की निगाहे लगी है।
पूर्व सांसद अतीक की पत्नी का बयान
पूर्व सांसद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया, ‘शनिवार को मैं नैनी केंद्रीय कारागार में अतीक अहमद से मिलने गई थी और उन्होंने वाराणसी से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की।’
परवीन ने बताया कि उनके पति ने चुनाव के प्रचार के लिए तीन सप्ताह की सशर्त जमानत पर रिहाई की अर्जी कोर्ट में दी है, जिस पर 29 अप्रैल को निर्णय होगा. मैंने अपने पति अतीक अहमद से गुजारिश की है कि किन्हीं कारणों से अगर जमानत मिलने में दिक्कत हो तो वह जेल में रहकर चुनाव लड़ने पर पुनर्विचार करें। अतीक अहमद वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ते हैं तो शिवपाल यादव की पार्टी उन्हें टिक्ट देने को तैयार है। फूलपुर से सपा के सांसद रह चुके अतीक अहमद पर सभी की निगाहे लग गयी है। कभी मुलायम सिंह यादव के खास माने जाने वाले अतीक अहमद का अखिलेश यादव से संबंध अच्छे नहीं है इसलिए अतीक ने सपा से टिकट कटने पर पार्टी छोड़ दी थी और फूलपुर में हुए उपचुनाव में निर्दल ही चुनाव लड़े थे। माना जा रहा था कि इस बार भी अतीक अहमद फूलपुर से ही चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अब वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लडऩे की अटकलों ने राजनीतिक जगत में हड़कंप मचा दिया है।