
औरैया। स्थानीय निकाय चुनाव में जिले की इकलौती नगर पालिका परिषद व 6 नगर पंचायतों में संभावित दावेदारों व उनके समर्थकों द्वारा अभी से ही जीत के चुनावी हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए जाने के साथ ही वोट ठेकेदारों व चुनावी चकल्लस के तिकड़मबाज शातिर कौन है उनकी तलाश के लिए भी अपने पुराने बहीखातों पर लगी धूल झाड़ कर उनकी तलाश के प्रयास भी तेज कर दिए जाने की चर्चाएं खूब हवा में तैर रही है। स्थानीय निकाय चुनाव की तिथियों की घोषणा होते ही औरैया जिले की इकलौती नगर पालिका परिषद औरैया के साथ ही बिधूना अछल्दा फफूद दिबियापुर अजीतमल अटसू आदि सभी 6 नगर पंचायतों में संभावित दावेदारों द्वारा खासकर अध्यक्ष पद पर काबिज होने की मंशा से किसकी जेब में कितने वोट हैं कौन वोटों को किसके पक्ष में प्रभावित कर सकता है।
वोट के ठेकेदारों तिकड़मबाजों की तलाश में पुराने बहीखाते जा रहे खगांले
ऐसे वोट के ठेकेदारों व चुनावी चकल्लस के तिकड़म बाज शातिर धुरंधरों की तलाश के लिए पुराने बहीखातों में लगी धूल साफ किए जाने की चर्चाएं खूब हवा में तैरने लगी हैं। यही नहीं संभावित प्रत्याशियों द्वारा अपनी-अपनी प्रत्याशिता के आवेदन के लिए आवश्यक अभिलेखों को तैयार कराने की कवायद शुरू किए जाने के साथ ही चहेते समर्थकों को एकत्र करने के प्रयास भी तेज किए जाते नजर आ रहे हैं और यही कारण है कि नगर में संभावित प्रत्याशियों के आवासों पर अचानक भीड़भाड़ से रौनक बढ़ गई है। इतना ही नहीं चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए दिहाड़ी मजदूरों की भी तलाश शुरू होती दिख रही है जिससे दिहाड़ी श्रमिकों अभी से लगभग 1 माह तक प्रचार का काम मिलने के साथ ही शाम को भोजन व थकावट उतारने की भी व्यवस्था बनने की संभावना से उनकी खुशियां भी अचानक बढ़ गई है।
अब तक नाराज रहे लोगों को रिझाने पटाने के लिए भी संभावित दावेदारों द्वारा हर संभव प्रयास किए जाते देखे जा रहे हैं। भले ही संभावित दावेदारों द्वारा अपनी अपनी जीत के लिए चुनावी हथकंडे अपनाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से चुनाव आयोग की भी नजर प्रत्याशियों के हर हथकंडे पर लगी हुई है ऐसे में कोई भी प्रत्याशी नियम विरुद्ध कुछ कर पाएगा यह उसके बेहद कठिन हो सकता है लेकिन भैया यह चुनाव हैं जीत के लिए कोई भी प्रत्याशी अपनी रणनीति में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता है।