बिधूना/औरैया। बिधूना तहसील में उप जिलाधिकारी न्यायालय में एक स्टांप वेंडर व एसडीएम के स्टेनो के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी के साथ गाली-गलौज और हाथापाई हो गई। बाद में एसडीएम की शिकायत पर स्टांप वेंडर को पुलिस थाने लाई। एसडीएम तहसीलदार भी स्टेनों को साथ लेकर कार्रवाई के लिए थाने पहुंचे। बाद में अधिवक्ता व स्टांप वेंडर भी स्टांप वेंडर के पक्ष में कोतवाली में जमा हुए। काफी हंगामे के बाद भी स्टेनों की शिकायत पर स्टांप वेंडर के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई कर दी गई और अधिवक्ताओं को भी स्टांप वेंडर की समस्या के निराकरण का भरोसा दिया गया जिस पर अधिवक्ताओं का गुस्सा भी ठंडा पड़ा।
औरैया कोतवाली में एसडीएम तहसीलदार, दूसरी तरफ अधिवक्ता भी पहुंचे
बिधूना तहसील के उपजिलाधिकारी न्यायालय में गुरुवार को स्टांप वेंडर अनिल और जीतू चैहान व उपजिलाधिकारी के स्टेनो आलोक कुमार के बीच किसी काम को लेकर अचानक कहासुनी होने के साथ गाली गलौज के साथ हाथापाई होने लगी। इस मामले की जानकारी पर एसडीएम लवगीत कौर द्वारा पुलिस को सूचना देने पर कोतवाल रामसहाय सिंह पटेल स्टांप वेंडर जीतू चैहान को पुलिस जीप से कोतवाली लाए और उसे मेडिकल परीक्षण के लिए सीएचसी भेज दिया। जिलाधिकारी लवगीत कौर तहसीलदार जितेश वर्मा भी कोतवाली पहुंच गए। उधर स्टांप वेंडर के पकड़े जाने की जानकारी होते ही तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र कुमार पांडे, महामंत्री अमरेश सिंह सेंगर, राना सेंगर, पूर्व अध्यक्ष अरविंद दुबे, रामपाल सिंह चैहान, राजेंद्र सिंह भदौरिया, राकेश यादव सिंह, सूरज पाल सिंह रघुवंशी, सतीश प्रजापति आदि भारी संख्या में अधिवक्ता स्टांप वेंडर व मुंशी कोतवाली में जमा हो गए ।
उप जिलाधिकारी से अधिवक्ताओं ने दोनों पक्षों की खामियां बताकर आपस में बैठाकर सुलह समझौते का सुझाव दिया किंतु उप जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित स्टांप वेंडर द्वारा न्यायालय में गाली गलौज अभद्रता की गई है। इसलिए कार्यवाही होनी चाहिए। उप जिलाधिकारी उसे जेल भेजने पर अडिग नजर आई लेकिन बाद में इस बात पर अधिवक्ता भी काफी उत्तेजित होकर स्टांप वेंडर की तरफ से भी कार्यवाही कराने की मांग करने लगे। बाद में उपजिलाधिकारी व अधिवक्ताओं के बीच सामंजस्य वार्ता के बाद स्टांप वेंडर को उप जिलाधिकारी न्यायालय से जमानत दे दी गई जिससे उक्त मामला ठंडा पड़ गया है।