औरैया : छत से उतरा हाई वोल्टेज करंट, युवक की मौत

औरैया। दिबियापुर में तेजी से आंधी आने से जहां अफरा तफरी का माहौल रहा।वही ग्राम पंचायत भटपुरा के मजरा कनारपुर गांव में 11केवी का तार से मकान में करंट आ गया।जिससे रात में संदीप (30) की करेंट से मौत हो गई। ग्रामीणों ने रात में पावर हाउस लखनपुर फोन करके विद्युत सप्लाई को बंद कराया। तब जाकर संदीप को गेट से हटाया लेकिन करंट से संदीप की सांसे थम चुकी थी। बात करने पर ग्रामीणों ने कहा संदीप की छत के पास से 11000 केवी की लाइन का तार 1 फुट की दूरी पर है। छत पर ही सौर ऊर्जा की लाइट लगी हुई थी। तेज आंधी के कारण तार सौर ऊर्जा लाइट में उलझ गया और पूरे मकान में करंट आ गया। संदीप अपने छोटे-छोटे बच्चों को नीचे लाकर चारपाई पर बैठाया जैसे ही गेट को खोलना चाहा।तीव्र विद्युत धारा के कारण संदीप(29)पुत्र रामकिशोर चिपक गया। और झट पटा कर गिर पड़ा। पत्नी के तीव्र क्रंदन पर पड़ोसी ग्रामवासी एकत्रित हो गए आनन-फानन में संदीप की बॉडी को बाहर निकाला गया।

तीन बच्चे हुए अनाथ, परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल

ग्राम प्रधान महावीर राजपूत ने संदीप को अन्य ग्रामीणों की मदद से सौ शैय्या अस्पताल चिचोली ले गए जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सुबह दिबियापुर थाने में पंचनामा भरवा कर मृतक को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।। उसके बाद मृतक के शब जब गांव में पहुंचा।। शव को देखकर पत्नीपूनम(29) बेहोश हो गई संदीप की बेटी परी (9 वर्ष), बेटा निखिल (7) जानवी (3वर्षीय) छोड़ गया है। मजदूरी ही संदीप का एक चारा था। क्योंकि संदीप के पास केबल 6 विस्वा खेती व मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था। आज पूरा परिवार एक झटके में विद्युत विभाग की लापरवाही से बिखर गया।। यदि समय रहते लाइनमैंन ने तार की सही व्यवस्था कर दी होती।। तो शायद यह हादसा होता ना होता।

किसी के परिवार की हंसी खुशी जिंदगी न उजड़ जाती। जबकि डेढ़ वर्ष पहले संदीप का बेटा निखिल छत पर खेल रहा था। तब भी उसे करंट लगने के कारण उसका हाथ और सिर झुलस गया था जिस से सिर में आज तक कुछ हिस्से में बाल नहीं उग सके हैं।। लेकिन विद्युत विभाग ने इस मामले को तब भी संज्ञान में नहीं लिया। जिले में विद्युत विभाग की लापरवाही देखने को मिलती हैं। ग्रामीणों ने यही बताया कि जबकि बड़ा ट्रांसफार्मर गांव के बाहर लगा हुआ है। उससे सप्लाई नहीं दी जाती है गांव में 11000 केवी की लाइन होने का कोई मतलब नहीं रहता है गांव वाले विद्युत विभाग को दोषी ठहरा रहे हैं और विद्युत अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी कर रहे हैं।मौके पर पहुंचकर लेखपाल ने हादसे की जानकारी ली और शासन द्वारा हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

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