औरैया। बिधूना क्षेत्र में इन दिनों सत्ता पक्ष के तथाकथित नेताओं के संरक्षण में सरेआम अधिकारियों की नाक के तले रात दिन अवैध रूप से मिट्टी का खनन जारी है। बिना रॉयल्टी जमा बिना अनुमति के हो रहे अवैध भू खनन से जहां सरकार के राजस्व को चूना लग रहा है वहीं पर्यावरण को भी गंभीर खतरा पहुंचने से बुद्धिजीवी बेहद चिंतित है। इन दिनों बिधूना कस्बे के आसपास के साथ ही हमीरपुर भाईपुर रठगांव भटौली गूरा असजना उडेलापुर चपोरा पसुआ कटरा रुपपुर सबहद मढामाझी झील रुरुगंज रामनगर पुर्वा पट्टी चिरकुआ बिधूना नगर उसरहा बसई धनवाली कुदरकोट वैवाह रामगढ़ हरचंदपुर लज्जानगर बेला ऐरवाकटरा सहार अछल्दा मऊ कछपुरा गूरा साहसपुर बमुराहा आदि कस्बों गांवों के आसपास अवैध रूप से बिना रॉयल्टी जमा किए ।
बिना किसी अनुमति के सत्ता पक्ष के तथाकथित नेताओं के संरक्षण में उनके चहेते खनन माफियाओं के साथ ही सत्ता पक्ष के तथाकथित कुछ छुटभैया नेताओं द्वारा भी जेसीबी मशीनों से अवैध रूप से सरेआम भू खनन करा कर ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर बिधूना कस्बे के साथ ही आस-पास के गांवों में जरूरतमंदों को प्रति ट्राली 800 से 1000 रुपए तक मिट्टी बेची जा रही है।
सत्ता पक्ष के तथाकथित नेताओं के संरक्षण में भूखनन की हो रही चर्चाएं
यह ज्यादातर खनन माफिया अधिकांश अवैध खनन रात के समय कराते हैं जबकि सत्ता की हनक में कुछ प्रभावशाली खनन माफिया रात दिन 24 घंटे अवैध भू खनन को अंजाम देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते दिख रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इस अवैध भू खनन की जानकारी संबंधित प्रशासन, खनन अधिकारियों या पुलिस को नहीं है बल्कि यह सब जानते हुए भी इस ओर से चुप्पी साधे हुए हैं। जनचर्चा तो आम यह है कि संबंधित अधिकारी खनन माफियाओं से मोटी बधौरी वसूल रहे हैं शायद इसी कारण इस पर अंकुश नहीं लग रहा है। अवैध रूप से हो रहे भू खनन के संबंध में लगातार आवाजें बुलंद किए जाने के बावजूद संबंधित अधिकारियों की खनन माफियाओं से मिलीभगत के चलते भू खनन पर अंकुश नहीं लग रहा है और खनन माफिया बेखौफ होकर अवैध खनन को अंजाम दे रहे हैं।
इस अवैध खनन से जहां सरकार के राजस्व को चूना लग रहा है वही पर्यावरण को भी गंभीर खतरा पहुंचने से क्षेत्रीय पर्यावरणविद व बुद्धिजीवी बेहद चिंतित हैं। क्षेत्रीय जागरूक लोगों ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन व जिला प्रशासन को शिकायती पत्र भेजकर चल अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाए जाने के साथ इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की भी गुहार लगाई है साथ ही समस्या का निराकरण न होने पर इसके खिलाफ निर्णायक आंदोलन का बिगुल बजाने की भी चेतावनी दी है।