बिधूना/औरैया। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम मनराज सिंह ने कोतवाली बिधूना क्षेत्र के 16 माहीनेपहले एक तीन वर्षीय अबोध बालिका के साथ हैवानियत की हदें पार करने वाले दुष्कर्मी को मृत्युदंड की सजा से दंडित किया है। दोषी पर पांच लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया गया। कोर्ट ने बालिका के साथ घृणित तरीके से दुष्कर्म के दोषी का यह कृत्य घृणित मानते हुए उसे फांसी पर लटकाए जाने की सजा सुनाई।
यह सजा कोर्ट ने 11 माह की सुनवाई में सुनाई। उपरोक्त मामले की अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे डीजीसी अभिषेक मिश्रा, विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र सिंह तोमर व मृदुल मिश्रा ने बताया कि वादी ने कोतवाली बिधूना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 20 अक्तूबर 2021 को दोपहर 2ः30 बजे उसकी तीन वर्षीया नातिन अपने दरवाजे पर खेल रही थी। तभी गांव निवासी शिव प्रेम का साला प्रेम नरेश पुत्र भजन लाल शंखवार निवासी धनवाली बिधूना पीडिता को बिस्कुट का लालच देकर ले गया।
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो मनराज सिंह ने 11 माह में सुनवाई कर सजा सुनाई, पांच लाख रुपये अर्थदंड लगाया
थोड़ी देर बाद नातिन की शिव प्रेम के कमरे से रोने की आवाज सुनकर वादी व अन्य लोग भाग कर मौके पर गए। तो नातिन कमरे के अंदर नग्न अवस्था में पड़ी थी। लोगों को देखकर प्रेम नरेश मौके से भाग गया। पता चला कि प्रेम नरेश ने नातिन के साथ दुष्कर्म किया था। जिससे उसके नाजुक अंगों से खून बह रहा था। वादी की रिपोर्ट पर कोतवाली बिधूना में दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने विवेचना में मामले की चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की। कोर्ट ने 24 मार्च 2022 को अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए। यह मुकदमा विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट में चला। प्रस्तुत मामले में वादी, डॉक्टर, पीडिता की मां, पीडिता व पुलिस कर्मी समेत सात लोगों की गवाही कोर्ट में हुई। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र सिंह तोमर व मृदुल मिश्रा ने बहस में कहा कि अभियुक्त की ओर से अबोध बालिका के साथ हवस की पूर्ति के लिए हैवानियत की हदें पार कर दुष्कर्म किया गया है।
यह कृत्य विरल से विरलतम श्रेणी में आता है। इसलिए उसे कठोरतम दंड दिया जाए। वहीं बचाव पक्ष ने अभियुक्त को निर्दोष बताया। दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद एडीजे मनराज सिंह ने प्रस्तुत प्रकरण के तथ्यों व परिस्थितियां, अपराध की प्रकृति, भयावहता, अपराध का समाज पर पडने वाला प्रभाव एवं अपराधों की परिस्थितियों का अवलोकन करने के पश्चात यह निष्कर्ष निकाला कि दोष सिद्ध अभियुक्त ने बिना किसी उकसाने पर अपनी हवस की पूर्ति के लिए मात्र तीन वर्षीय अबोध कन्या से घृणित तरीके से दुष्कर्म किया है। दोष सिद्ध अभियुक्त को अपने द्वारा किए गए अपराध की कोई ग्लानी भी नहीं है। अतरू अभियुक्त का कारित अपराध विरल से विरलतम मामलों की श्रेणी में आता है। अतरू प्रेम नरेशन को किए गए अपराध के लिए मृत्यु दंड व पांच लाख रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया जाता है।
प्रेम नरेश को गर्दन मेें फांसी लगाकर फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो जाए। अर्थदंड अदा न करने पर उसे एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड से आधी धनराशि पीडिता को अदा करने का भी आदेश दिया गया। डीजीसी अभिषेक मिश्रा के अनुसार घटना के 16 माह बाद व सुनवाई की कार्यवाही के 11 माह में दोषी को उक्त कोर्ट ने अपेन किए की सजा दे दी है।