
औरैया संवाददाता। शहर की बहुचर्चित पछैया बस्ती में कच्ची शराब का गोरखधंधा कई दशकों से फलता-फूलता चला आ रहा है। इस बस्ती की कच्ची शराब क्षेत्र के विभिन्न ग्रामीणांचलों में बड़े पैमाने पर पहुंचती है। इस बस्ती की शराब ने ग्रामीणांचलों में भी अपने पैर पसार लिए हैं। इस बस्ती की शराब देशी ठेका शराब से सस्ती होने के कारण निर्धन एवं मजदूर वर्ग व्यापक तौर पर इस्तेमाल करते हैं। इस बस्ती की शराब का सेवन करने से अब तक अनगिनत मौतें हो चुकी हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासन इस जानकारी से वंचित हो, काफी प्रयासों के बावजूद इस बस्ती की शराब पर कोई अंकुश नहीं लग सका है। समय-समय पर आबकारी विभाग एवं पुलिस विभाग छापामारी कार्रवाई करके इतिश्री कर लेता है।
अनगिनत लोगों की जिंदगी इस कच्ची शराब से समा गई मौत के गाल में
संभ्रांत लोगों का कहना है कि आखिर इस बस्ती की अवैध कच्ची शराब का गोरखधंधा कब खत्म होगा? शहर की बहुचर्चित पछैया बस्ती में कच्ची शराब का गोरखधंधा कमोबेश पांच दशक से फलता-फूलता चला आ रहा है। यह गोरखधंधा अब व्यापक रूप ले चुका है। इस बस्ती की कच्ची शराब कुछ एजेंटों के माध्यम से ग्रामीणांचलों में भी पहुंच रही है। जिसका इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों में भी युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। इस बस्ती की कच्ची शराब का सेवन करने से अभी तक अनगिनत जिंदगियां काल के मुंह में समा चुकी हैं। किस बस्ती की कच्ची शराब देशी ठेका शराब से भी सस्ती होने के कारण निर्धन एवं मजदूर वर्ग के लोग बहुतायत में सेवन करते हैं। इतना ही नहीं शहर के विभिन्न मार्गों पर लोगों को शराब के नशे में पडा हुआ आए दिन देखा जा सकता है। ऐसा भी नहीं है कि प्रशासन इस गोरखधंधे से अनभिज्ञ हो। इसके बावजूद यह गोरखधंधा दिनों-दिन फलता-फूलता ही जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में दैनिक रूप से पहुंचती है पछैया बस्ती की कच्ची शराब
आबकारी विभाग एवं पुलिस विभाग समय-समय पर इस बस्ती में छापामार कार्रवाई करते हुए अपनी औपचारिकता पूरी करके इतिश्री कर लेता है। इस बस्ती की कच्ची शराब का गोरखधंधा बंद कराने के लिए कई बार अभियान भी चलायें गये, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात जैसा ही रहा। खास बात यह है कि यह पछैया बस्ती जिला अधिकारी कैंप कार्यालय से महिज 500 मीटर की दूरी पर है। इसके बावजूद पियक्कड़ों का आना-जाना बदस्तूर बना रहता है। शहर के वरिष्ठ, संभ्रांत एवं बुद्धिजीवियों का कहना है कि यदि इसी तरह से इस कच्ची शराब का गोरखधंधा फलता-फूलता रहा तो एक ना एक दिन इसके बहुत ही भयंकर दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। उपरोक्त लोगों ने इस गोरखधंधे को खत्म कराने के लिए प्रशासन से मांग की है। देखना है कि प्रशासन इस ओर क्या कदम उठाता है?