भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर। बुधवार को पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रदेश के सभी जनपद में साइबर क्राइम के प्रति जनमानस को जागरूक करने व इससे बचाने के उद्देश्य के तहत प्रत्येक माह के प्रथम बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस आयोजित किये जाने के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक फतेहपुर राजेश कुमार सिंह के कुशल निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक फतेहपुर के कुशल पर्यवेक्षण में जनपद के सभी थानों द्वारा साइबर जागरूकता दिवस आयोजित कर जागरूकता अभियान चलाया गया। जिसमें अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य के तहत लोगों को साइबर अपराध के प्रकार व इससे बचने के उपायों के बारे जानकारियां प्रदान की गयी। तथा पम्पलेट आदि वितरण किया गया।
सभी थानो द्वारा अपने क्षेत्र में पड़ने वाले स्कूल, बैंक, एटीएम, प्रमुख बाजार, बस अड्डे, चौराहे, प्रमुख व्यावसायिक दुकानों, गांव-कस्बे व अन्य जगहों पर पुलिस द्वारा जाकर लोगों को समझाया गया।आमजनमानस में साइबर अपराधों के बारे में सही जानकारी न होने के कारण साइबर अपराधियों द्वारा उन्हें अपने चंगुल में फंसाकर उनकी मेहनत की कमाई को ठग लिया जा रहा है। साइबर अपराधियों द्वारा विभिन्न माध्यमों से पहले लोगों का डाटा एकत्र करने के उपरान्त उन्हे बैंक कर्मी या विभिन्न कम्पनियों का कस्टमर केयर बनकर फोन कर केवाईसी आदि के नाम पर उनके बैंक खाता, एटीएम नं0, सीवीवी नं0, क्रेडिट कार्ड, आधार कार्ड आदि गोपनीय जानकारियों प्राप्त कर ली जाती है।
इसके अतिरिक्त फोन के माध्यम से बरगलाकर क्विक सपोर्ट/एनीडेस्क जैसे रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर भी खातों से सम्बन्धित गोपनीय जानकारी प्राप्त कर ली जाती है । खातों से सम्बन्धित प्राप्त की गयी उपरोक्त गोपनीय जानकारी के माध्यम से साइबर अपराधियों द्वारा लोगों का मेहनत से कमाया गया पैसा व उनकी जमा पूँजी उनके खातों से बेईमानी करके निकाल ली जाती है ।
किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी, डेबिट कार्ड / केडिट कार्ड डिटेल एवं यूजर आईडी पासवर्ड शेयर न करें, चाहें वह बैंक कर्मी हो या ट्रेजरी आफिसर या अन्य कोई । कोई व्यक्ति यदि बातों-बातों में आपसे कोई रिमोट एक्सेस एप जैसे- क्वीक सपोर्ट, एनीडेस्क आदि डाउलोड करने को कहे तो कदापि डाउनलोड न करें। विभिन्न माध्यमो जैसे एसएमएस, ई-मेल, व्हाट्सएप मैसेज आदि पर प्रसारित / प्राप्त हो रहे लिंक को न खोलें।
किसी भी कम्पनी का कस्टमर केयर नम्बर गूगल पर सर्च करके प्रयोग में न लायें नम्बर प्राप्त करने हेतु उस कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराये गये डाक्यूमेंट को देखें या केवल आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध नम्बर का प्रयोग करें । एटीएम से पैसे निकालते समय ध्यान रखें कि कोई दूसरा व्यक्ति आपका एटीएम कार्ड बदल न पायें एवं पैसा निकालने से पूर्व उस मशीन में स्कीमर एवं कैमरा न लगा हो चेक कर ले। अपने मोबाइल को किसी अनजान व्यक्ति को न दें।
कभी-कभी गलत व्यक्तियों के हाथ में मोबाइल जाने से उसके द्वारा पोर्ट का मैसेज भेजकर पोर्ट आउट नम्बर प्राप्त कर लिया जाता है और आपके नम्बर की दूसरी सिम प्राप्त कर अवैध ट्रान्जेक्शन कर लिये जाते है। विभिन्न सरकारी आवास योजनाओ का लाभार्थी बताकर यदि कोई पैसे मांगे तो कदापि पैसे न दे। यदि आपके मोबाइल नंबर पर मैसेज या काल आता है कि आपके दोस्त ने रुपये भेजे है उसे रिसीव कर ले और यदि आप उस लिंक को क्लिक करेंगे तो आपके खाते में राशि आ जाएगी तो ध्यान रखे कि यह काल फ्रॉड की भी हो सकती है और इस पर क्लिक करने से आपके खाते से रूपये कट सकते है>
अतः जाँच परख के बाद ही लेन देन करे । क्यूआर कोड को बेहद सावधानी से स्कैन करे व पूर्ण जांच कर ले । किसी भी प्रकार की साइबर क्राइम सम्बन्धी शिकायत को दर्ज कराने केलिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के टोल फ्री नं0 1930 या 112 डायल करने या अपने बैंक को घटना के सम्बन्ध में अवगत कराते हुये नजदीकी थाने या जनपदीय साइबर क्राइम सेल में सूचना देने के सुझाव दिये।