अयोध्या। सीएचसी मिल्कीपुर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़ी विभिन्न योजनाओं से सम्बन्धित फाइलें गुम हो गई हैं। लम्बे समय से गुपचुप तरीके से फाइलों की खोज हो रही है। किन्तु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगभग 10 वर्ष की फाइलों का पता नहीं लगा पाए हैं। इस सम्बन्ध मे सीएचसी अधीक्षक ने सीएमओ को पत्र भेजकर स्थित से अवगत भी कराया है। किन्तु सीएमओ अब न तो गुम फाइलों की खोज करा सके हैं, और न ही एन एच एम से सम्बन्धित किसी कर्मचारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उसके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज करा पाए हैं।
अयोध्या जनपद की सीएचसी मिल्कीपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सभी फाइलें गुम हो गई हैं। इसका खुलासा पहली बार तब हुआ जब नए लिपिक शशिभूषण तिवारी ने एनएचएम का चार्ज दिलाने के लिए सीएचसी अधीक्षक से मांग की। लिपिक को चार्ज दिलाने में बाधा यह आई कि एनएचएम की कोई फाइल सीएचसी पर मौजूद नहीं मिली।
इसके बाद सीएमओ ने जांच कराने व लिपिक को चार्ज दिलाने के निर्देश दिए। सीएमओ की ओर से कराई गई जांच में यह तो सामने आया कि फाइलें गायब हैं किन्तु किसके चार्ज में थीं यह तय नहीं हो सका। आखिर सीएमओ ने कुछ योजनाओं के अवरुद्ध हो रहे कार्यों को पूरा कराने के लिए नए रजिस्टर पर काम करने के निर्देश जारी कर दिए। फाइलें गुम होने की बात उस समय गंभीर हो गई जब जन सूचना के माध्यम से फाइलों से कुछ जानकारियां मांगी गई।
जन सूचना अधिकारी ने जन सूचना को टालने के लिए आवेदक को भ्रामक जानकारी देते हुए जवाब में कहा कि जन सूचना में मांगे गए अभिलेखों की प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिए आवेदक 50 हजार रुपया मेरे एकाउंट में जमा कराए। जन सूचना अधिकारी ने जो अभिलेख गुम हैं। उन्हीं फाइलों के पन्ने बिना गिने ही 10 हजार बता दिए। अब जब जन सूचना मांगने वाले आवेदक ने नया दांव चलकर जन सूचना के तहत अभिलेखों के अवलोकन की मांग उठाई है तो फिर बड़ी तेजी से गुम हुए अभिलेखों की खोज की जा रही है्। किन्तु कोई कर्मचारी यह नहीं बता पा रहा है कि एनएचएम का पटल किसके चार्ज में था और फाइलें किसके कब्जे में हैं।
अब तक अधिकारी व कर्मचारी यह मानकर चल रहे थे कि फाइलें स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के कब्जे में हैं। किन्तु उसके आवास का ताला प्रशासन ने जब खुलवाया तो फाइलें वहाँ भी नहीं मिली। ऐसे मे एक बार सीएचसी अधीक्षक फिर पशोपेश में हैं कि आखिर एनएचएम की फाइलें कहाँ गईं। ऐसे में उनको किसी को फाइलों को गुम करने का जिम्मेदार ठहराकर एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। किन्तु वह भी नहीं किया जा रहा है।
क्या कहते हैं सीएचसी मिल्कीपुर अधीक्षक
सीएचसी मिल्कीपुर अधीक्षक डा पीसी श्रीवास्तव ने कहा कि एनएचएम की फाइलें तलाशी जा रही हैं। कभी यह तय नहीं हो पा रहा है कि किसके पास एनएचएम का चार्ज था। अब इस समस्या को लेकर सीएमओ से मिलेंगे। इसके बाद हम एफआईआर दर्ज कराएंगे।