अयोध्या। नगर निकाय संबंधी चुनावी घोषणा के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीधे निर्देशन वाली अयोध्या सीट से महापौर पद पर दावेदारों के बीच रस्साकशी का दौर शुरू हो चुका है आम जनता के बीच अपनी अपनी उपलब्धियों को अपने समर्थकों के द्वारा प्रचारित व प्रसारित करने का कार्य दावेदारों के द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से देखा जा रहा है फिलहाल भारतीय जनता पार्टी विश्व में केंद्र बिंदु के रूप में स्थापित अयोध्या में नगर निगम की सीट पर महापौर पद पर जिताऊ प्रत्याशियों के चयन में किसी भी तरह की कोर कसर निश्चित ही नहीं छोड़ेगी, साथ ही जिताऊ प्रत्याशियों के चयन में निश्चित ही अयोध्या की जनता का मत सर्वोपरि होगा।
अयोध्या : आचार संहिता लगते ही भाजपा से दावेदारी में शुरू आजमाइश
बताते चलें अयोध्या जैसी महत्वपूर्ण सीट पर कई दावेदारों के द्वारा भारतीय जनता पार्टी से दावेदारी की चर्चा जोरों पर है जिनमें सबसे प्रमुख नाम वर्तमान महापौर ऋषिकेश उपाध्याय का चर्चा में है आम जनता के बीच सुनाई पड़ रहा है उनकी दावेदारी को कतई नकारा नहीं जा सकता बताया जा रहा है ऋषिकेश उपाध्याय अयोध्या में संघ की आंखों की पुतली हैं, वहीं दूसरी तरफ सबसे प्रमुख नाम जो चर्चा में बना हुआ है वह डॉ ममता पांडे का है जोकि महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री भी हैं और कई बड़े बड़े कार्यक्रमों को आयोजित कर आम जनता के बीच अपनी चर्चा करने को लोगों को विवश कर दिया है, इसके अतिरिक्त विगत 3 दिनों से तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी का नाम भी जोरो से चर्चा में आ रहा है लेकिन लगभग 4 वर्ष पूर्व कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए गिरीश पति त्रिपाठी की सक्रियता भाजपा में लगभग ना के बराबर रही और यही कारण है।
चर्चा के बाद भी उनकी दावेदारी कमजोर सी प्रतीत होती दिखाई पड़ रही है, गिरीश पति त्रिपाठी को लेकर पार्टी के अंदर खाने में ही चर्चा के माध्यम से विरोध का प्रयास किया जा रहा है कारण बताया जा रहा है विगत में इनके द्वारा विधानसभा चुनाव में भी दावेदारी प्रस्तुत की गई थी लोकसभा टिकट को लेकर भी इनका नाम चर्चा में आया था और वहीं अब महापौर सीट पर भी इनकी दावेदारी इनको निश्चित ही कमजोर कर रही है, तीसरे नाम के रूप में महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा भी मैदान में दिखाई पड़ रहे हैं परंतु उनके व्यवहार के कारण पार्टी से लेकर आम जनता के बीच तक अंतर्विरोध की आग भी जल रही है इसी कड़ी में प्रमुख रूप से नगर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता के पुत्र व विधायक प्रतिनिधि अमर गुप्ता भी अप्रत्यक्ष रूप से गुपचुप तरीके से दावेदारी ठोकने के प्रयास में नजर आते दिखाई दे रहे हैं भाजपा की नीतियों के अनुसार किसी विधायक मंत्री या जनप्रतिनिधि के परिवार के सदस्यों को टिकट न देने की बात अमल गुप्ता की राह का रोड़ा बन रही है।
वहीं दूसरी तरफ महापौर सीट पर दावेदारी को लेकर अगर संतो की बात की जाए तो हनुमानगढ़ी पीठ के महंत राजू दास का नाम भी प्रमुखता से सामने आ रहा है लेकिन अगर सूत्रों की माने तो पता चला है महंत राजू दास सहित कुछ अन्य लोगों के नाम पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा नकारात्मक रवैया अपनाते हुए भागीदारी करने से रोका गया है, कई और नामों की भी चर्चा दावेदारी करने में प्रमुखता से सुनाई पड़ रही है परंतु पार्टी के साथ काम करने में उनका कोई विशेष योगदान ना होने से उनकी दावेदारी को जनता एक सिरे से नकार रही है, भास्कर प्रतिनिधि द्वारा सर्वेक्षण में साफ साफ पता चल रहा है नगर में हो रहे विकास कार्यों के नाम पर चौड़ीकरण भवनों व दुकानों की तोड़फोड़ के चलते आम जनता के बीच पार्टी को लेकर काफी विरोध दिखाई पड़ रहा है।
अगर शहर के वोटरों की बात की जाए तो उनके द्वारा खुलेआम भाजपा प्रत्याशी को हराने की कसमें राह चलते सुनाई पड़ जाती हैं ऐसे में शीर्ष नेतृत्व के लिए स्वच्छ छवि व निष्पक्ष कार्यशैली के आधार पर अयोध्या महापौर सीट पर प्रत्याशियों का चयन निश्चित ही टेढ़ी खीर साबित होगा। फिलहाल आम जनता में चर्चा के मुताबिक भाजपा से महापौर पद की दावेदारी में मुकाबला वर्तमान महापौर ऋषिकेश उपाध्याय व महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री ममता पांडेय के बीच होने की चर्चा आम हो चुकी है।