अयोध्या। समाजवादी पार्टी से महापौर पद पर घोषित प्रत्याशी डॉ आशीष पांडेय दीपू द्वारा जनता के बीच जोरदार तरीके से दस्तक दी जा रही है, डॉ आशीष पांडेय पूरे जोश के साथ विजय की ओर अग्रसर दिखते नजर आ रहे हैं जनता का रुझान भी सपा प्रत्याशी के प्रति अधिक दिखाई पड़ रहा है कारण बताया जा रहा है अयोध्या के विकास की रूपरेखा जिस तरह से भाजपा सरकार द्वारा सड़क चौड़ीकरण के नाम पर भवनों व दुकानों के दृष्टिकोण से साथ में बिना किसी सुविधा मुहैया कराई नगर निगम द्वारा भारी भरकम टैक्स को थोप कर जनता को त्रस्त करने का कार्य किया गया है।
जनता कभी भुला नहीं पाएगी, फिलहाल आज के चुनावी परिदृश्य में अयोध्या डरी हुई है,सहमी हुई है, जनता के बीच से आवाज आती है जिस सरकार में विध्वंसक का प्रतीक बुलडोजर बन गया हो, उस प्रदेश की जनता को सुविधाओं के सापेक्ष आशा रखना मात्र छलावा होगा।
अगर शिक्षा की बात की जाए तो अयोध्या नगर निगम में महापौर प्रत्याशियों के घोषित नामों में भी आशीष पांडेय दीपू सबसे शिक्षित उम्मीदवार के रूप में जोरदार तरीके से जनता के बीच दस्तक दे रहे हैं। बताते चलें सपा प्रत्याशी आशीष पांडेय दीपू के पिता जय शंकर पांडेय सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की काफी करीबी माने जाते रहे और अयोध्या सीट से 2 बार विधायक भी रह चुके हैं कई बार जिला अध्यक्ष भी रहे हैं वर्तमान में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं वहीं आशीष पांडेय दीपू के भाई तेज नारायण पांडेय सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं और जनहित से संबंधित आवाज उठाने में चर्चा का विषय बने रहते हैं ।
भास्कर प्रतिनिधि से विशेष वार्ता में डॉ आशीष पांडेय स्पष्ट रूप से कहते हैं अगर भाजपा की आंधी चल रही होती तो संगठन को नामांकन के आखिरी दिन महापौर प्रत्याशी भाजपा नेतृत्व द्वारा ना खोजना पड़ता और प्रत्याशी भी मिला तो कांग्रेसी जो 2017 के पहले प्रधानमंत्री मोदी सहित प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को भी अपशब्दों से नवाज चुका है, उन्होंने कहा भाजपा के अंदर खाने में पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं ने भाजपा महापौर प्रत्याशी के खिलाफ बिगुल बजा दिया है उन्होंने बताया विरोध इस कदर बढ़ चुका है।
कई भाजपा के पुराने कार्यकर्ता बागी उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल कर चुनावी मैदान में ताल ठोकना शुरू कर दिया है ,भास्कर से बात करने के दौरान उन्होंने बताया भाजपा से महापौर प्रत्याशी की पहचान भाजपा कार्यकर्ताओं में कांग्रेसी नेता के रूप में चिर परिचित है और यही समाजवादी पार्टी की जीत का कारण बनेगा।