दैनिक भास्कर ब्यूरो
मिल्कीपुर, अयोध्या। छात्रवृत्ति न मिलने से आक्रोशित छात्र- छात्राओं ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर ताला लगाकर अपनी मांगों पर अड़े हुए थे, प्रशासनिक भवन का कोई भी अधिकारी न तो बाहर आ पा रहा है और न ही अंदर जा पा रहे था। छात्र-छात्राएं कुलपति से वार्ता करने के बाद ही हटने की बात पर अड़े रहे । कुलपति से वार्ता करने के बाद छात्र धरने से हटे। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने अपनी छात्रवृत्ति को लेकर विश्वविद्यालय परिसर के प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर प्रदर्शन मंगलवार को 10:30 से कर कर रहे थे। छात्रों का कहना है कि छात्रवृत्ति के लिए विश्वविद्यालय के सभी छात्र- छात्राओं द्वारा समस्त आवश्यक दस्तावेज विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति प्रतिपूर्ति के लिए जमा किया गया था।
विश्वविद्यालय कुलपति के आश्वासन पर माने छात्र
उसके बावजूद भी विश्वविद्यालय के समाज कल्याण संकाय के अधिकारियों द्वारा समय से सत्यापित न कराने के कारण सभी आवेदन पत्र राज्य स्तरीय समाज कल्याण विभाग से निरस्त कर दिया गया, जिसके कारण सभी छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति रोक दी गई है। विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं का कहना है कि यदि हम लोगों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी तो हम लोग अपनी फीस कहां से जमा कर पाएंगे हमारे परिजन भी उतने मजबूत नहीं है। छात्रों का यह भी कहना है कि यदि हम लोगों की छात्रवृत्ति नहीं आती है तो ऐसी दशा में विश्वविद्यालय प्रशासन एवं प्रदेश सरकार द्वारा छात्रों की फीस को जमा किया जाए। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ डी नियोगी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को प्रदर्शन की जानकारी जैसे मिली वे मौके पर पहुंचकर आक्रोशित छात्र छात्राओं के मान मनौव्वल में जुटे गए। लेकिन प्रदर्शन कर रहे छात्र उनकी बात को नहीं सुन रहे थे।
दोपहर बाद लगभग 3:00 बजे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित छात्रों को शांत कराते हुए गेट को खुलवाया और कहा कि यह आपके ही विश्वविद्यालय का मामला नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश से 25 लाख विद्यार्थियों की यही समस्या है, उनका भी फार्म रिजेक्ट हुआ है । फिलहाल मेरे द्वारा प्रदेश के उच्च अधिकारियों से इस संबंध में बात की जा रही है, आप लोगों को छात्रवृत्ति दिलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल विश्वविद्यालय कुलपति के निवेदन पर छात्र धरने से तो हट गए लेकिन वह संतुष्ट नहीं थे। छात्रों का यह भी कहना था कि यदि किसी कारणवश छात्रवृत्ति नहीं आती है तो कुछ ऐसा किया जाए कि हमारी पढ़ाई छूटने ना पाए, तो कुलपति ने कहा कि छात्रवृत्ति दिलाने की हमारी कोई गारंटी नहीं है फिलहाल किसी की पढ़ाई नहीं छूटेगी।