महारुद्र का उग्र स्वरूप हैं बाबा काल भैरव : शाक्ताचार्य ईशान

नौ दिवसीय अनुष्ठान के चतुर्थ दिवस पर हुआ पुष्प व विजयाभिषेक

बहराइच। माँ कामाख्या साधक अघोरी बाबा भैरव गौरव जी महाराज के दिशा निर्देशन में चल रहे बाबा श्री काल भैरव मन्दिर स्थापना के तृतीय वार्षिकोत्सव मे महाराजाधिराज श्मशानाधिपति बाबा श्री काल भैरव जी के नौ दिवसीय अनुष्ठान के चतुर्थ दिवस पर बाबा का पुष्पाभिषेक व विजयाभिषेक किया गया।


बाबा श्री काल भैरव जी के नौ दिवसीय साम्राज्याभिषेक में चतुर्थ दिवस वैदिक व तंत्रोक्त मंत्रोच्चार के साथ पूजन कर विजयाभिषेक किया गया । ऐसा मान्यता है कि श्री काल भैरव जी की तंत्रोक्त एवं अघोर विधि से आराधना करने पर बाबा जल्द प्रसन्न होते हैं । इसके पश्चात पुष्प से अभिषेक कर श्मशानाधिपति बाबा श्री काल भैरव जी की प्रतिमा का अधिवास दिया गया। एक दिन पूर्व महाराजाधिराज बाबा काल भैरव जी का वस्त्राधिवास किया गया था । अघोर साधक भैरव गौरव जी महाराज के शिष्य शाक्ताचार्य ईशान‌‌‌ ने बताया कि काल भैरव महारूद्र का उग्र स्वरूप हैं और कलिकाल में ये जाग्रत देवता के स्वरूप में पूज्यनीय है।


उन्होने बताया कि भैरव जी दंडपाणि के नाम से भी विख्यात हैं । अच्छे और खराब कर्मों का हिसाब तुरंत करते हैं।


शाक्ताचार्य ईशान‌‌‌ ने यह भी बताया कि 3 वर्षों से चल रही लगातार अघोर साधना के माध्यम से इस वर्ष बाबा श्री काल भैरव जी की प्रतिमा का साम्राज्याभिषेक वैदिक एवं तंत्रोक्त मंत्रो द्वारा किया जा रहा है।आज का अभिषेक कन्याओं द्वारा व कल का रूद्रावतार भूतभावन का महाभिषेक सुहागिन स्त्रियों द्वारा किया जायेगा।
बाबा श्री काल भैरव श्मशान घाट सेवा मण्डल के अध्यक्ष राहुल रॉय व महामंत्री दीपक सोनी दाऊ जी ने बताया कि यह अनुष्ठान राष्ट्रधर्म व समाज कल्याण हेतु यह किया जा रहा है। नौ दिवसीय अनुष्ठान में मण्डल के मुदित त्रेहन विकास यज्ञसेनी उदित रस्तोगी किशन सोनी संजय श्रीवास्तव अंशू यज्ञसेनी विपिन विश्वकर्मा अनुराग गुप्ता सहित अन्य लोग सहभागिता कर रहे हैं ।

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