
Seema Pal
पटना। बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच बाबा बागेश्वर धाम के पंडित आचार्य धीरेंद्र शास्त्री की एंट्री ने राजद की चिंताएं बढ़ा दी हैं। देेश भर में चल रहें औरंगजेब विवाद को धीरेंद्र शास्त्री ने नया मोड़ दे दिया। बागेश्वर बाबा ने कहा कि ये देश बाबर का नहीं रघुवर का है। जिसके बाद धीरेंद्र शास्त्री और राजद नेता तेजस्वी यादव के बीच बयानबाजी शुरू हो गई है।
धीरेंद्र शास्त्री की बिहार की राजनीति में एंट्री
बिहार की राजनीति में धीरेंद्र शास्त्री का हस्तक्षेप जेडीयू के लिए फायदेमंद तो राजद के लिए हानिकारक होगा, इसमें कोई दो राह नहीं। बाबा बागेश्वर के बिहार दौरे से राज्य की राजनीति में एक नई ऊर्जा का संचार हो गया है, जो लालू यादव की पार्टी राजद के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं।
धीरेंद्र शास्त्री : बाबर का नहीं रघुवर का है देश
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने बयान “बाबर का नहीं रघुवर का है देश” के जरिए सीधे तौर पर हिंदुत्व के एजेंडे को समर्थन दिया है। यह प्रभावी रूप से प्रमाणित है कि धार्मिक विचारधारा हमेशा ही राजनीतिक संघर्ष को और भी तीव्र बना देती है। इससे भाजपा को बिहार के आगामी चुनाव में काफी मदद मिल सकती है।
वहीं, तेजस्वी यादव ने बाबा बागेश्वर के इस बयान का खुले तौर पर विरोध कर दिया है। जिससे अब यह बाबा धीरेंद्र शास्त्री बनाम तेजस्वी यादव के बीच का धर्म व सियासी युद्ध बन गया है। बिहार की राजनीति में पहले से ही जाति और धर्म एक बड़ा सियासी फैक्टर रहा है। ऐसे में धीरेंद्र शास्त्री के हिंदुत्व एजेंडे पर आधारित बयान राजद की चिंता को और भी बढ़ा रहे हैं।