बहराइच। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर के उपलक्ष पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में वृहद जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी महोदय डॉ सतीश कुमार सिंह के साथ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एम.एम.एम. त्रिपाठी, एसीएमओ डॉ राजेश, डॉ. पी के बादिल, डॉ. सोलंकी, डॉ. संतोष राणा, आईएमए के सचिव डॉ. अरविंद शुक्ला, डीएचईआईओ बृजेश कुमार सिंह, डीपीएम सरजू खान, हॉस्पिटल मैनेजर, लायन इंटरनेशनल क्लब आशा के सदस्य, जन सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास संस्थान के सदस्य, बाबा सुंदर सिंह मुख बधिर स्कूल से डॉ. बलजीत कौर, आर्य कन्या इंटर कॉलेज से श्रीमती शकुंतला, सिटी मांटेसरी इंटर कॉलेज से वेद प्रकाश, महाराज इंटर कॉलेज से अभय एवं विवेक श्रीवास्तव, मानसिक स्वास्थ्य विभाग से मुकेश कुमार हंस, राज कुमार महतो, सीमा कुमारी, अजय प्रताप सिंह, मनीष कुमार सिंह आदि अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा प्रतिभा किया गया।
सीएमओ डॉ सतीश कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर का शुभारंभ करते हुए बताया कि इस वर्ष की थीम मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है l दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और सभी लोगों तक मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि हम सभी को शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है किशोरावस्था में बच्चों के अंदर कई सारे मानसिक बदलाव होते हैं जिस वजह से बच्चे चिड़चिड़े स्वभाव के हो जाते हैं और उनके मानसिक एवं व्यवहारिक बर्ताव में भी बदलाव आ जाता है। मानसिक रोग से संबंधित लक्षणों के प्रतीत होने पर झार फूंक करने से बचे एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ से सलाह ले और यह भी बताया गया कि मनोरोगियों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए मानसिक रूप अस्वस्थ व्यक्ति को संपूर्ण उपचार एवं परिवार को उनका सहयोग देना चाहिए।
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. विजित जायसवाल द्वारा मानसिक रोग के लक्षणों जैसे हर समय उदास महसूस करना, ध्यान केंद्रित न कर पाना, बहुत चिंता या भय होना, अपराध की भावनाएं महसूस करना, मानसिक स्थिति में बहुत बदलाव होना, समाज, परिवार और दोस्तों से दूर रहना, नींद ज्यादा या बहुत कम आना, किसी तरह की भ्रम की स्थिति में रहना, किसी भी प्रकार का नशा या शराब ज्यादा पीना, बहुत गुस्सा या हिंसक व्यवहार दिखाना, आत्महत्या करने के विचार आना इस तरह के लक्षणों के दिखने पर आपको अपने नजदीकी मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह ले कर उचित उपचार करना चाहिए।
डीएचईआईओ ब्रजेश कुमार सिंह ने शिविर का संचालन करते हुए बताया कि मानसिक रोगी को अपने तनाव, अवसाद, गहन चिंता आदि को नियंत्रित करना चाहिए। नियमित स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान देना चाहिए और पूरी नींद लेनी चाहिए। शिविर में आये हुए बाबा सुंदर सिंह स्कूल के दिव्यांग बच्चों द्वारा सरस्वती वन्दना गीत एवं देश भक्ति कार्यक्रम तथा नुक्कड नाटक की टीम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोक प्रदर्शन से सम्बन्धित कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
शिविर में विद्यालयों से आये हुए चयनित मनदूत एवं मनपरी को मैडल पहना कर सम्मानित किया गया और निबंध पोस्टर प्रतियोगिता में प्रतिभाग किये गए छात्र/ छात्राओं को मेडल एवं पुरस्कार भी वितरित किया गया। कार्यक्रम में मौजूद एनजीओ और विद्यालयों के शिक्षण स्टाफ को भी मेडल पहना पर पुरस्कृत किया गया। शिविर में छः मानसिक दिव्यांग बच्चों को मानसिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र की रिपोर्ट निर्गत करके फलाहार वितरित किया गया। शिविर समापन के अवसर पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को स्मृति चिन्ह भी दिया गया।