बहराइच। खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने तथा दवा की दुकानों के माध्यम से नशीली दवाओं की बिक्री पर प्रभावी अंकुश के उद्देश्य से बुधवार को देरशाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्तरीय खाद्य सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने अभिहीत अधिकारी को निर्देश दिया कि प्रवर्तन की कार्यवाही के सम्बन्ध में न्यायालयों में योजित वादों में प्रभावी पैरवी कर दोषी व्यक्तियों को दण्डित कराने की कार्यवाही की जाय।
डीएम ने जिला अभिहित अधिकारी को निर्देश दिया कि आसन्न त्यौहारों के दौरान आमजनमानस को शुद्ध एवं मानकपूर्ण खाद्य सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए नियमित रूप से नमूने संग्रहीत किये जाये। डीएम ने यह भी कहा कि प्रवर्तन की कार्यवाही के दौरान एकत्र किये गये नमूनों की जांच रिपोर्ट भी शीघ्र ही प्राप्त की जाय। उन्होंने कहा कि मात्र नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला भेज देने से ही विभाग की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है। विभागीय अधिकारियों का यह भी दायित्व है कि प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट प्राप्त करें और जांच रिपोर्ट की मैहरट के अनुसार सम्बन्धित के विरूद्ध वाद योजित कर दोषी को सजा दिलाये ताकि दूसरे लोग अपमिश्रित खाद्य पदार्थों की बिक्री करने से भयभीत हों।
डीएम ने निर्देश दिया कि विभागीय टीम के द्वारा आईसीडीएस विभाग के पुष्टाहार, परिषदीय विद्यायलों, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, आश्रम पद्धति स्कूलों, चिकित्सालयों, वृद्धाश्रम इत्यादि में आपूर्तित होने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच कराते रहें ताकि बच्चों एवं मरीज़ों को गुणवत्तायुक्त भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो। डीएम ने बीएसए को निर्देश दिया कि कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों की रसोई में क्लोज़ सर्किट कैमरे स्थापित करा दिये जायें।
डीएम मोनिका रानी ने औषधि निरीक्षक को निर्देश दिया कि जनपद में अवस्थित मेडिकल स्टोरों विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों के मेडिकल स्टोर्स की नियमित रूप से जांच कर यह सुनिश्चित करें कि किसी भी दवा की दुकान से प्रतिबन्धित तथा नशीली दवाओं की बिक्री नहीं होनी चाहिए। साथ की कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक किसी भी व्यक्ति से निर्धारित शुल्क से अधिक धनराशि न लेने पाये। डीएम ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी ही देश का भविष्य हैं इसलिए विभागीय अधिकारियों का विभागीय उत्तरदायित्व के साथ-साथ नैतिक कर्तव्य भी है कि आज की युवा पीढ़ी को नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रखने में सहयोग प्रदान करें। डीएम ने औषधि निरीक्षक को यह भी निर्देश दिया कि सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित कर शिक्षण संस्थाओं में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जाये ताकि युवा पीढ़ी को नशीलों पदार्थों के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राम्या आर, मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एस.के. सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर राजीव कुमार सिसौदिया, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, ईओ नगर पालिका परिषद प्रमिता सिंह, उपायुक्त उद्योग केशव कुमार वर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक नरेन्द्र पाण्डेय, बीएसए अव्यक्तराम, सहायक निदेशक मत्स्य जितेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारी, उद्यमी बृजमोहन मातनहेलिया, मनीष मल्होत्रा तथा अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।