बहराइच l गरीबी इलाज में बाधा न बने इसके लिए देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना चलायी जा रही है। प्रधानमंत्री के इस सपने को साकार करने व लोगों को जल्द से जल्द गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने मुहिम छेड़ रखी है। इसके लिए उन्होंने साप्ताहिक लक्ष्य निर्धारित कर योजना से जुड़े अधिकारियों को आयुष्मान कार्ड बनाने के सख्त निर्देश दिये हैं। जिसकी वह नियमित समीक्षा कर रहे हैं । इसका परिणाम यह हुआ कि जनपद में प्रतिदिन 5000 से अधिक लोगों का आयुष्मान कार्ड बनने लगा है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए 26 मार्च से साप्ताहिक अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के पहले दिन 5683 लोगों का व दूसरे दिन 5327 से अधिक लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है । इसके लिए जिला विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित कर एडीओ पंचायत का भी सहयोग लिया जा रहा है ।
प्रतिदिन 5 हजार से अधिक लोगों को मुहैया होने लगे आयुष्मान कार्ड
जिला विकास अधिकारी एमके पाण्डेय ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत शामिल परिवार के सभी सदस्यों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक का इलाज मुहैया कराने का प्रावधान है। इसके लिए लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड होना जरूरी है। कार्ड बनाने के लिए आरोग्य मित्र व ग्राम पंचायत के पंचायत सहायक को ज़िम्मेदारी दी गयी है । इनसे संपर्क कर कोई भी व्यक्ति अपना नाम आयुष्मान भारत योजना की सूची में देख सकता है या सूची में नाम दर्ज होने पर आयुष्मान कार्ड बनवा सकता है।
कार्ड धारकों को मिलेगा 5 लाख तक इलाज
जिला स्वास्थ्य , शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 370000 परिवारों को शामिल किया गया है । जिसके सापेक्ष 215000 परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है । शेष परिवारों के लिए अभियान चलाकर कार्ड बनाए जा रहे हैं ।
डॉ दिनेश चंद्र जिलाधिकारी बहराइच
आयुष्मान कार्ड से पांच लाख रुपए तक का इलाज बहुत आसानी से निःशुल्क हो जाता है। कार्ड बनाने के लिए जिले में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्ड की सबसे अच्छी बात यह कि एक बार बनने के बाद इसे रिनीवल नहीं करवाना पड़ता है। साथ ही कार्ड धारक पूरे देश में किसी भी सूचीबद्ध सरकारी या निजी अस्पताल में गंभीर बीमारियों का इलाज करवा सकता है।