बहराइच : रेशम फार्म संग धागाकरण इकाई का डीएम ने किया निरीक्षण

बहराइच जिले में रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य संचालित विभिन्न गतिविधियों का जायज़ा लेने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कल्पीपारा स्थित रेशम फार्म, धागाकरण इकाई तथा रेशग विकास विभाग के कार्यालय का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त कर मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि रेशम की पालन उद्योग को बढ़ावा देने हेतु शहतूत फार्मिंग से लेकर रेशम का धागा तैयार करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया की डाक्यूमेन्ट्री फिल्म तैयार की जाए। डीएम ने सहायक निदेशक रेशम मिथलेश कुमार सिंह को यह भी निर्देश दिया कि रेशम धागे से कपड़ा तैयार करने हेतु पावरलूम इकाई की स्थापना के भी प्रयास किये जाएं ताकि रेशम कीट पालकों अधिक से अधिक लाभ हो सके।

रेशम उद्योग की डाक्यूमेन्ट्री फिल्म तैयार करने के दिये निर्देश

डीएम ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में रेशम उद्योग को लेकर अपार संभावनाएं है। डीएम ने कहा कि कोया उत्पादन करने महिला कृषकों को स्माल स्केल की धागाकरण इकाई की स्थापना के लिए प्रेरित किया जाय। डीएम ने कहा कि धागाकरण निर्माण कार्य को कौशल विकास के ट्रेड में सम्मिलित कराकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाकर स्माल धागा निर्माण इकाई की स्थापना हेतु बैकों से समन्वय कर ऋण दिलाने का प्रयास किया जाय। डीएम ने सुझाव दिया कि एफ.पी.ओ. का गठन कर कोया उत्पादक कृषकों को पावरलूम की स्थापना हेतु प्रयास किये जाएं। डीएम ने ए.डी. रेशम को निर्देश दिया कि रेशम कीट पालकों का ग्राम में कलस्टर बनाए।

निरीक्षण के दौरान मॉडल कीटपालन भवन, धागाकरण इकाई तथा कार्यालय का निरीक्षण किया। कार्यालय की साफ-सफाई अच्छी पाये जाने पर डीएम ने सराहना करते हुए कहा कि इसके स्तर को बनाए रखें। धागाकरण इकाई के निरीक्षण के दौरान धागाकरण समूह व रेशम कीट पालक समूह की महिलाओं से रूबरू होते हुए डीएम ने रेशम कीट पालन से होने वाली के बारे में जानकारी प्राप्त की। सहायक निदेशक रेशम ने बताया कि जनपद में लगभग 910 कुण्टल सूखे कोए का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजकीय प्रक्षेत्र में लगभग 125 एकड़ क्षेत्रफल में शहतूत की खेती की जा रही है जिससे लगभग 24 कुण्टल रेशम धागे का उत्पादन किया जा रहा है। निरीक्षण के अन्त में जिलाधिकारी ने कार्यालय परिसर में शहतूत पौध रोपण भी किया गया।

रेशम फार्म से वापस आते हुए डीएम मोनिका रानी ने आसाम चौराहा के निकट स्थित पिलेट्स का निर्माण करने वाली जिले की नामचीन इण्डस्ट्री मेसर्स विपुल इंडस्ट्रीज का निरीक्षण कर पराली/फसल अवशेष एवं पौधों की पत्तियों इत्यादि का उपयोग कर पिलेट्स तैयार करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही व प्रशिक्षु पी.सी.एस. प्रिन्स वर्मा तथा इंडस्ट्री के स्वामी रतनलाल अग्रवाल मौजूद रहे।

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