बहराइच। खेतों में फसल अवशेष न जलाने तथा फसल अवशेषों के बेहतर प्रबन्धन से अजिरिक्त आय अर्जित करने हेतु जिले के कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से विधायक नानपारा राम निवास वर्मा ने तहसील नानपारा परिसर से कृषि विभाग के पराली प्रबन्धन जागरूकता वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी नानपारा अजीत परेश, तहसीलदार प्रद्युम्न पटेल, एसडीएईओ नानपारा सुधीर कुमार मिश्रा, प्रभारी राजकीय कृषि बीज भण्डार नानपारा अमर सिंह, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए राम प्रकाश मौर्या, प्रगतिशील कृषक बालकराम, सुनील कुमार व अन्य कृषक तथा तहसील व कृषि विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे। यह प्रचार वाहन विकास खण्ड रिसिया, बलहा, नवाबगंज, मिहींपुरवा व शिवपुर के दूरदराज़ क्षेत्रों में जाकर कृषकों को खेतों में पराली न जलाने तथा फसल अवशेषों के बेहतर प्रबन्धन हेतु जागरूक करेगा।
जागरूकता वाहन को रवाना करते हुए विधायक नानपारा श्री वर्मा ने बताया कि पराली जलाने से जहां एक ओर पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं दूसरी ओर भूमि की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो जाती है। जिससे उत्पादन में भी गिरावट होने से कम मात्रा में खाद्यान्न प्राप्त होने के अलावा मवेशियों के लिए चारे की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। विधायक श्री वर्मा ने जिले के कृषकों से अपील की कि पराली व फसल अवशेष को खेतों में कदापि न जलाये बल्कि इसका बेहतर प्रबन्धन कम्पोस्ट खाद तैयार करें इससे अच्छी फसल के साथ साथ ज़मीन की सेहत में भी सुधार होगा।
इस अवसर पर उपसंभागीय कृषि प्रसार अधिकारी नानपारा श्री मिश्र ने उपस्थित किसानों को बताया कि पराली को आग के हवाले करने से भूमि के साथ-साथ मानव स्वासथ्य व पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पराली जलाना मा० राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) द्वारा दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है। पराली जलाने पर दो एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रू. 2,500=00, दो से पांच एकड़ क्षेत्र के लिए रू. 5,000=00 तथा पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र में पराली जलाने पर किसान से रू. 15,000=00 तक पर्यावरण कम्पेनशेसन धनराशि की वसूली की जा सकती है।
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