
कैसरगंज/बहराइच l ग्रामीण अँचलों में वट सावित्री का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। पति की दीर्घायु को लेकर मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह देखा गया। घरों के आसपास स्थित बरगद पेड़ के पास महिलाओ ने विधि-विधान से पूजन किया। प्रसाद के रूप में थाली में गुड़, भीगे हुए चने, आटे से बनी हुई पूवा पूरी मिठाई, कुमकुम, रोली, मोली, फल, धुप, घी का दीया, खरबूजा एक लोटे में जल और एक हाथ का पंखा लेकर बरगद पेड़ के नीचे पूजा प्रारंभ कर पेड़ की जड़ में जल चढ़ाया गया। प्रसाद चढ़ाकर और धूप तथा दीप जलाकर बरगद के पेड़ के चारों ओर 12 परिकर्मा कर मौली धागा लपेटकर पूजा-अर्चना संपन्न कर प्रसाद का वितरण किया। गजाधरपुर के बसंता में पूजा कर रही बैजंती देवी, प्रीति, प्रिया पाठक, आशा देवी, रानी देवी, रीना तेवारी, मोनिका, गायत्री देवी, रूबी, सहित तमाम महिलाओं ने बताया कि वे वर्षों से यह पर्व मनाती आ रही हैं।
पेड़ों की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी
वटसावित्री की पूजा कर रही महिलाओं ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हम सभी को अधिक से अधिक पौधों का रोपण करना चाहिए।
बदलते समय के साथ पेड़-पौधों की सुरक्षा बहुत आवश्यक है। जीवनदायिनी पेड़ों से ही हमारा अस्तित्व है। पर्यावरण का संरक्षण किसी एक की न होकर हम सबकी जिम्मेदारी है।










