बहराइच l पयागपुर बच्चों का स्कूल में नाम काटे जाने के विरोध में नारायणपुर प्रधान सहित कई लोग बैठे आमरण अनशन पर l बच्चों का नाम स्कूल में काटे जाने से माहौल बहुत ही गरम हो गया है जिससे बच्चों के परिजन आमरण अनशन करने के लिए पयागपुर बीआरसी भवन पहुंच गए हैं और आमरण अनशन पर बैठ गए हैं तथा कह रहे हैं कि जब तक नारायनपुर संविलियन विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पर कार्यवाही नहीं हो जाती तब तक हम अपना आमरण अनशन खत्म नहीं करेंगे ; इसके लिए चाहे हमें कितने भी दिन आमरण अनशन पर बैठना पड़े मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है मुझे केवल कार्यवाही से मतलब है जिससे बच्चों का भविष्य खराब ना हो सके l
हम सभी लोग इस समय मानसिक प्रताड़ना के दौर से गुजर रहे हैं l जब तक अधिकारी सामने आकर हमारी समस्या नहीं सुनेंगे तब तक हम आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे और हम सभी लोगों की मांग है कि प्रधानाध्यापक का पर निश्चित ही अनुशासनात्मक कार्यवाही हो जिससे आने वाले दिनों में कोई भी प्रधानाध्यापक किया प्रधानाध्यापक का ऐसा दुस्साहस ना कर सके आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश सरकार स्कूल चलो अभियान चल आ ही रहा है तथा ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल आने के लिए अध्यापकों के द्वारा परिजनों को समझा-बुझाकर शिक्षा के महत्व को बताया जा रहा है ताकि सभी परिजन अपने अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए सरकारी प्राथमिक स्कूलों में भेजना शुरू कर दे लेकिन यहां कहानी उल्टी ही प्रतीत हो रही है क्योंकि यहां की प्रधानाध्यापिका ने बच्चों का नाम प्रेरणा पोर्टल से काट दिया है जिससे उनका भविष्य अंधकार में हो गया है ।
आमरण अनशन पर बैठे बच्चों के परिजन कह रहे हैं कि प्रधानाध्यापिका ने हमारे बच्चे को कोने में ले जाकर बहुत ही मारा-पीटा है जिसके लिए मैंने उच्चाधिकारियों तक शिकायत की और थाने पर भी शिकायत की जब पुलिसकर्मी विद्यालय पहुंचे तो उन्होंने मामले को सुलह कराने के उद्देश्य कहा कि एक बार आप लोग इनको माफ कर दीजिए अगर ऐसा फिर यह दोबारा करेंगी तो इनके ऊपर कार्यवाही की जाएगी l जब इस संदर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी बी.एन. द्विवेदी से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि प्रधान नारायनपुर इस मामले को राजनीतिक रंग दे रहे हैं l अब देखना है कि नारायणपुर प्रधान और संविलियन प्रधानाध्यापिका के बीच चल रहे रस्साकशी के दौर का बादल कब छंटेगा l