- रविवार को कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित एनआईसी में जलाई जा रही थी फाइले, बेची जा रही थी किताबे
- जलती फ़ाइलो की कवरेज के दौरान बाबू भड़कते हुए मीडियाकर्मी पर झपटे
- बाबू ने मारा कैमरे पर हाथ, की अभद्रता
- मार पीट के इरादे से बुलाए लड़के, लड़के कैमरा देख हुए रफुचक्कर
- बाबू का बेवजह उतावला होना और खबर बनाने से रोकना, बड़े झोलझाल की ओर इसारा
- जिलाधिकारी को नही थी एनआईसी में कागजात जलाए जाने की जानकारी
- मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने दिए एसडीएम सदर को जांच
क़ुतुब अंसारी
बहराइच। बीते रविवार को कलेक्ट्रेट परिषर स्थित एन0आई0सी0 कार्यालय के बाहर का नजारा संदिग्ध था दोपहर करीब 12 बजे कलेक्ट्रेट परिषर में कुन्तलों पेपर जलाए व किताबे कबाड़ियों को बेची जा रही थी। जिसकी जानकारी होने पर वहां पहुच कैमरे मे कैद करने लगा तभी एनआईसी के बाबू (कथित नाम रिजवी) ने भड़कते हुए दौड़ पड़े और कैमरे के सामने हाथ मारते हुए बोले “क्या कर रहे हो यहां कहा कि वेस्ट जलाया जा रहा है तुमको क्या दिक्कत उन्होंने धमकी भरे अंदाज में जाने को कहा” इतने में कुछ लड़के भी वह पहुच गए और बाबू को चाचा कहते हुए बोले क्या बात है और सभी मीडियाकर्मियों पर हावी होने लगे के कैमरे चालू देख तथा जिला सूचना अधिकारी की मौजूदगी देख लड़के तो भाग निकले पर बाबू लगातार अपनी बेअंदाजी जारी रखते हुए अभद्रता करते हुए एनआईसी के अंदर चले गए। इस पूरे घटनाक्रम के बीच कबाड़ी भी मौके से फरार हो गए, बाबू द्वारा बुलाये गए लड़के भी भाग निकले तथा अफरा-तफरी में जल्दी जल्दी कहतु सफाई अभियान को समेट दिया गया।
इस पूरे मामले में बाबू द्वारा सरकारी कागजो को जलाया जाना और किताबे बेची जानी भले ही सन्दिग्ध न होता पर दिन रविवार और बाबू का मीडिया पर बेबात भड़कना एवं खबर बनाने से रोकना दफ्तर में झोलझाल की ओर इशारा करती है।
आप को यह भी बता दे कि मीडियाकर्मियों द्वारा इस पूरे मामले की जानकारी जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव को दे दी गई थी जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने एसडीएम सदर को जांच सौंप दी थी। उनकी अनुपस्थिति के कारण उन्होंने अपने प्रतिनिधि के रूप में नयाब तहसीलदार को मौके पर भी भेजा था, पर वो किस नतीजे पर पहुचे यह उन्होंने साफ नही किया था।
डिफरेंट कलर बॉक्स में
इन सब के बीच दो तथ्यों पर ध्यान जाना अति आवश्यक है कि आखिर साफ सफाई के नाम पर किन कागजो को आग के हवाले किया गया, दूसरी यह कि बाबू द्वारा की गई पत्रकारों से बदसलूकी क्या जायज है? इस बदतमीज बाबू पर क्या होगी किसी प्रकार की कार्यवाही?, इन्ही सवालों के साथ इंतज़ार है अब मुख्य जांचकर्ता एसडीएम जुबेर बेग के जवाबो का।