बहराइच l गर्भावस्था के संभावित खतरों की पहचान करने में अन्य जांचों के साथ अल्ट्रासाउंड जांच काफी सहायक होती है। यह सुविधा समय से मिल सके इसके लिए जनपद के 28 प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केन्द्रों को योजना से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी गयी है। इन केन्द्रों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के परामर्श से गर्भावस्था के चार महीने बाद वाली गर्भवती अल्ट्रासाउंड जांच करा सकती हैं । इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा ।
यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि जनपद जनपद में 31 अल्ट्रासाउंड केंद्र पंजीकृत हैं । इसके सापेक्ष 28 प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केन्द्रों को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत पंजीकृत किया जा रहा है। फिलहाल यह सुविधा जनपद के 12 प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंन्द्रों पर उपलब्ध है । शेष केन्द्रों पर जल्द ही सुविधा शुरू हो जाएगी ।
ऐसे मिलती है सुविधा
नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ राजेश ने बताया कि ऐसी महिलाएं जिनकी गर्भावस्था का चौथा माह या उससे अधिक समय चल रहा है “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान” में इसका लाभ ले सकती हैं । यह अभियान प्रत्येक माह की 9 तारीख को सभी 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व 24 तारीख को सभी 5 प्रथम संदर्भन इकाइयों पर मनाया जाता है । अभियान में विशेषज्ञ चिकित्सक जोखिम वाली गर्भावस्था का पता लगाने व उपचार के लिए अल्ट्रासाउंड की जांच भी लिखते हैं। इसके लिए गर्भवती को ई- बाउचर दिया जाता है। जिसके माध्यम से वह 30 दिन के अंदर कभी भी योजना से जुड़े अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर जांच करा सकती हैं।
निःशुल्क है सुविधा
अल्ट्रासाउंड के लिए गर्भवती को कोई शुल्क नहीं देना होता है। ई- बाउचर में अंकित बार कोड को स्कैन कर निजी अल्ट्रासाउंड सेण्टर, संचालक स्वतः भुगतान प्राप्त कर लेते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से करार किया है।
जनपद के 77 गर्भवती को जारी हुआ ई बाउचर
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीपीएम सरजू खान ने बताया कि इस बार अवकाश होने के कारण 9 तारीख को होने वाले “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान” को शुक्रवार 10 तारीख को मनाया गया। अभियान के तहत जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर गर्भवती की ब्लड, यूरिन, ब्लड प्रेशर व वजन की जांच कर उन्हें आयरन व कैल्शियम की गोली दी गयी । गंभीर खून की कमी वाली गर्भवती को आयरन सूक्रोज दिया गया । अभियान में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 77 गर्भवती को अल्ट्रासाउंड जांच की सलाह दी । इसके लिए उन्हें ई- बाउचर जारी किया गया । इसका उपयोग कर वह योजना से जुड़े किसी भी प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेण्टर पर एक माह के अंदर जांच करवा सकती हैं।
गर्भवतियों ने की सुविधा की सराहना
अभियान में जांच कराने आयीं मसूदपुर की रहने वाली 25 वर्षीय प्रीती शर्मा पहली बार गर्भवती हैं । बताया कि गर्भवती के लिए यह बहुत बड़ी सुविधा है। अल्ट्रासाउंड जांच के लिए प्राइवेट केन्द्रों पर 800 रुपए देने पड़ते । अब ई बाउचर से निःशुल्क जांच हो जाएगी । पयागपुर सोहरियांवा की 24 वर्षीय सुधा शुक्ला का यह पहला गर्भ है , बताया कि सरकार महिलाओं पर विशेष ध्यान दे रही है। ई-बाउचर से पयागपुर के ही प्राइवेट अल्ट्रासाउंड केंद्र में जांच हो जाएगी। इस सुविधा से पैसे के साथ समय की भी बचत होगी ।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी
स्त्री एवं प्रसूत रोग विशेषज्ञ डॉ कविता चौधरी ने इसे सरहनीय कदम बताते हुए कहा कि गर्भावस्था के चौथे महीने के बाद अल्ट्रासाउंड जांच से गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य का सही आकलन हो जाता है, जो उपचार करने में मदद करता है । इस जांच से यह तय करना आसान हो जाता है कि प्रसव सामान्य होगा या ऑपरेशन से । इससे सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिलेगा और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी।