बहराइच। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से जागरूकता कलेक्ट्रेट परिसर से जारूकता वाहनों को रवाना करने के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों को निर्देशित किया कि किसानों को प्रेरित करते हुए मिशन मूड में 31 जुलाई, 2023 तक जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ऋणी व गैर ऋणी किसानों का पंजीकरण कराते हुए सभी कृषकों को फसल बीमा योजना का लाभ दिलाये। उप निदेशक कृषि को निर्देश दिया कि इस वर्ष योजनान्तर्गत खरीफ एवं रबी-2023 सीजन में अधिकाधिक ऋणी एवं गैर ऋणी कृषकों की फसलों का बीमा कराये जाने के दृष्टिगत कृषि विभाग के अच्छे क्षेत्रीय कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जाय।
उन्होंने उपस्थित सभी कर्मचारियों से कहा कि आप सभी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में गत वर्ष बीमा से लाभान्वित क्षतिपूर्ति पाये कृषकों की सूची के साथ बाढ़ प्रभावित गाँवों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए उनको पूर्व में दिये गये 1000 गैर – ऋणी एवं 1000 ऋणी कृषकों की फसलों का बीमा कराने के लक्ष्य को बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई 2023 से पूर्व शत-प्रतिशत पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये। उप निदेशक कृषि ने बताया कि जनपद के समस्त किसान क्रेडिट कार्ड धारक/फसली ऋण धारक किसान बीमा कराने के लिए जन सेवा केन्द्र पर जाकर अपना बीमा करा सकते है। डा. सिंह ने बताया कि बीमा योजना के बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करने करने के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-889-6868 अथवा बीमा कम्पनी की का टोल फ्री नम्बर 1800-103-5490 पर सम्पर्क कर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती सकती हैं।
उन्होंने बताया कि किसानों को अपने फसल का बीमा कराने हेतु आधार कार्ड अनिवार्य है, यदि कार्ड तत्काल नहीं है तो 30 दिनों में उपलब्ध कराने का घोषणा पत्र, खसरा-खतौनी, बैंक पासबुक/बैंक खाते का विवरण संलग्न करना आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि यदि किसान पहले किसी अन्य फसल को बोने का निर्णय लेता है व बाद में किसी अन्य फसल को बोता है तो योजना समाप्त होने से कम से कम सात दिन पहले उसे इस बात की जानकारी बैंक/बीमा कम्पनी को बतानी आवश्यक होगी तथा नया कवरेज लेते हुए डिफरेंस प्रीमियम भी देना होगा।
प्रीमियम की कटौती के सम्बन्ध में दी गयी व्यवस्था के अनुसार ऋणी किसानों के प्रीमियम की कटौती ऋण-दाता बैंक द्वारा की जाएगी। यदि ऋणी किसान अपना बीमा नहीं कराना चाहता है तो एक सप्ताह पूर्व बैंक को आवेदन करना होगा। उप निदेशक कृषि ने बताया कि हानि के 72 घण्टे के अन्दर कृषक द्वारा हानि की सूचना बैंक, कृषि विभाग, तहसील पदाधिकारियों अथवा बीमा कम्पनी को सीधे भी दी जा सकती है। बीमा कम्पनी द्वारा जनपद के अन्दर नियुक्त किये गये सर्वेक्षकों द्वारा 10 कार्य दिवस के अन्दर हानि रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी।