बहराइच : डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई विकास कार्यों की समीक्षा बैठक

बहराइच। शासन के सर्वाेच्च प्राथमिकता वाले 37 सूत्रीय विकास कार्यक्रमों की मासिक समीक्षा हेतु कलेक्ट्रेट सभागार में देर शाम आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों का आहवान किया गया कि प्रयास इस बात का करें कि सभी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति प्रदेश के टॉप टेन से कम न हो। अधिशाषी अभियन्ता विद्युत को निर्देश दिया गया कि विभागीय अधिकारियों से समन्वय कर विद्युत बकाया का भुगतान कराएं तथा जिन विभागों की बकाये की धनराशि अधिक है उनके कार्यालयाध्यक्षों को पत्र प्रेषित कराएं तथा झटपट पोर्टल पर लम्बित आवेदनों का निस्तारण भी सुनिश्चित कराया जाये।

डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि सेवा से संतृप्तीकरण अभियान अन्तर्गत न्याय पंचायत स्तर पर लगने वाली चौपाल में जनसहभागिता कार्यक्रम के अन्तर्गत गौवंशों का वितरण कराया जाए तथा निराश्रित गौवंशों को मुख्यमार्ग से हटाकर उन्हें निराश्रित गौ आश्रय स्थलों में संरक्षित कराया जाय। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया गया कि प्रशिक्षण सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सी.एस.ओ.), ए.एन.एम. व आशा को गोल्डेन कार्ड बनाए जाने का प्रशिक्षण दिलाया जाय ताकि गोल्डेन कार्ड बनाए जाने में अपेक्षित प्रगति हो सके। डीएम ने परिवार नियोजन अन्तर्गत सास-बहू सम्मेलन का आयोजन सुनिश्चित कराए जाने के भी निर्देश दिये। डीएम ने निर्देश दिया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मानक के अनुसार न्यूनतम 90 प्रतिशत दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये।

अमृत योजना के तहत निर्मित होने वाले पार्कों के निर्माण कार्य के प्रगति की समीक्षा के दौरान विगत 02 माह से ही भौतिक प्रगति 75 प्रतिशत स्थिर दिखाये जाने पर डीएम ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि पार्क का निर्माण तत्काल पूर्ण कराया जाय। डीएम ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि समीक्षा बुकलेट तथा वास्तविक डाटा में किसी प्रकार की भिन्नता नहीं होनी चाहिए। डीएम ने सचेत किया कि बुकलेट में आंकड़ों का मिलान सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अवश्य कर लिया जाय अन्यथा की स्थिति में दोषी अधिकारियों का वेतन बाधित करने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को विभागीय पोर्टल को अपडेट करने का भी निर्देश दिया।

बैठक के माध्यम से डीएम मोनिका रानी ने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आई.जी.आर.एस. पोर्टल पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समयावधि में गुणवत्तापूर्ण ढंग से सुनिश्चित कराएं, कोई भी संदर्भ डिफाल्टर श्रेणी में दर्ज नहीं होना चाहिए। जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि आईजीआरएस सहित अन्य स्तरों से प्राप्त प्रार्थना-पत्रों का अपने स्तर पर पर्यवेक्षण करते हुए यह सुनिश्चित करें कि कोई सन्दर्भ डिफाल्टर न हों तथा निस्तारण की गुणवत्ता ऐसी हो कि फरियादी की गई कार्यवाही से संतुष्ट हो जाय। बैठक से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों का कड़ा संज्ञान लेते हुए निर्देश दिया कि सभी सम्बन्धित अधिकारियों का स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाये।

इस अवसर पर डीएफओ बहराइच संजय शर्मा, सीएमओ डॉ एस.के. सिंह, एसडीएम पयागपुर दिनेश कुमार, महसी के राकेश कुमार मौर्या, नानपारा के अजित परेश, डीडीओ महेन्द्र कुमार पाण्डेय, सीवीओ डॉ राजेन्द्र प्रसाद, जिला विद्यालय निरीक्षक नरेन्द्र देव पाण्डेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर, पीडीडीआरडीए राज कुमार, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, डीसी मनरेगा के.डी. स्वामी, डीपीआरओ राघवेन्द्र द्विवेदी, डीएसओ नरेन्द्र तिवारी, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, नोडल सरयू नहर खण्ड परियोजना दिनेश कुमार, सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

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