बहराइच : मिट्टी के बने बर्तन-खिलौने के दुकानदारों का एसडीएम ने बढ़ाया हौसला

  • बौंडी के सिलौटा स्थित घाघरा नदी के तट पर लगे मेले में मिट्टी के बर्तनों व खिलौनों का अवलोकन करते थे एसडीएम
  • हौसला न हारिये, पुरानी परिपाटी पर लौट रहे लोग : एसडीएम

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

बहराइच l क्षेत्र के सिलौटा गांव में घाघरा नदी के तट पर लगे दो दिवसीय मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लेने एसडीएम महसी राकेश कुमार मौर्य पहुंचे। राजस्वकर्मियों व पुलिसकर्मियों से बातचीत के दौरान एसडीएम की नजर मिट्टी से बने बर्तन व खिलौनें बेचने वाले  पर पड़ी।

एसडीएम सीधे दुकान पर पहुंचे। दुकानदार से पूंछा बड़े अच्छे बर्तन व खिलौने हैं, बनाते हो कि खरीदकर बेंचते हो। राजा रेहुवा गांव के रहने वाले दुकानदार मुल्कराज ने बताया कि यह उनका पैतृक व्यवसाय है। स्वयं बर्तन व खिलौने बनाते हैं और बेंचते है। कितना कमा लेते हो….एसडीएम के इस प्रश्न पर मुल्कराज का दर्द छलक पड़ा। बोले कि दो-तीन दशक पूर्व मिट्टी के बर्तन व खिलौने मेलों की शान हुआ करते थे। मेले पर इनकी बिक्री खूब हुआ करती थी।

आधुनिकता के चकाचौंध में स्टील व फाइबर से बने बर्तन व खिलौनों ने मिट्टी के बर्तनों व खिलौनों के महत्व को कम कर दिया है। नतीजन हमारी बिक्री भी कम होती है। मेलों में उनकी दुकानों पर सन्नाटा सा रहता है।मुल्कराज के निराशाजनक बातें सुन एसडीएम का मुस्कुराता चेहरा गंभीर हो गया। मुल्कराज की पीठ थपथपाते हुए एसडीएम ने कहा कि हौसला न हारिये, लोग पुरानी परिपाटी पर तेजी से लौट रहे हैं।

सरकार भी मिट्टी के बर्तनों को बनाने वाले कारीगरों का उत्साहवर्धन कर रही है। अब होटलों पर चाय व लस्सी के लिए लोग फाइबर के बजाए मिट्टी के कुल्हड़ पसंद करते हैं, शहरों में मिट्टी के बर्तनों की मांग काफी बढ़ चुकी है। ग्रामीण अंचल के लोग भी तेजी से मिट्टी के बर्तन की ओर रुख कर रहे हैं।

Dainikbhaskarup.com अब WhatsApp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें
https://whatsapp.com/channel/0029Va6qmccKmCPR4tbuw90X

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें