फखरपुर/बहराइच l अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपराजिता सामाजिक समिति गजधारपुर बहराईच के बैठक सभागार में पक्षपात व लिंगानुपात विषय पर संगोष्टी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से समुदाय के साथ जुड़कर कार्य कर रहे स्वयं सेवकों व संस्था के सदस्यों ने प्रतिभाग किया।संगोष्ठी की शुरुवात करते हुए संस्था सचिव किरण बैस ने महिलाओं के साथ समाज मे हो रहे पक्षपात व भेदभाव पर अपना व्याख्यान दिया तथा महिलाओं के शशक्तिकरण के मुद्दे पर बल देते हुए अपनी बात रख्खी।
संस्था के कार्यक्रम प्रबंधक अभय पांडेय ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के विषय व उद्देश्यों से सभी को परिचित कराया उन्होंने ने बताया कि पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1975 में मनाया गया था जब इसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मान्यता दी गई थी। लेकिन इसकी शुरुआत 1908 के दौरान हुई जब महिलाओं के बीच उनके उत्पीड़न और असमानता के बारे में एक महत्वपूर्ण बहस चल रही थी।इस दौरान बदलाव के लिए अभियान और अधिक मुखर होने लगा जब 15,000 महिलाओं ने काम के घंटे, बेहतर वेतन और साथ ही मतदान के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क शहर में मार्च किया।संस्था के कार्यकर्ता सचिदानंद व अर्पिता सिंह ने महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न व समाज मे झेलनी पड़ रही असमानता के विषय पर बताते हुए रणनीति बनाकर इसे खत्म करने पर बल दिया।
समुदाय स्तर पर कार्य कर रहे संस्था के अन्य सदस्यों ने गीत के माध्यम से समाज मे फैली हुई असामनता का परिचय दिया तथा इसे खत्म करने की रणनीति भी प्रस्तूत की।वही संस्था की कार्यकर्ता व रानी लक्ष्मी बाई किशोरी संगठन की संचालिका रूबी ने संगठन की किशोरियों के साथ प्रतिभाग किया तथा उनके साथ हो रही असामनता पर चर्चा की।उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से किरण बैस,अभय पाण्डेय, सचिदानंद यादव, अर्पिता सिंह, अंशिका, सरोज, अंजली, आरती, अशोक, उमेश, संतोष, जितेंद, सुनील, विनय, अनिता, प्रिया, अंकिता, पारसनाथ आदि लोगो ने प्रतिभाग किया।
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