बहराइच l जनपद में 9 से 20 सितम्बर तक टीबी यानि क्षय रोग के संभावित मरीजों को चिन्हित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत 375 टीमें 8.75 लाख आबादी में घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों की जांच करेंगी। अभियान का उद्देश्य टीबी के लक्षणों वाले मरीजों की पहचान कर त्वरित इलाज शुरू करना है, जिससे बीमारी का प्रसार रोका जा सके और मरीज जल्द स्वस्थ हो सके।
यह बातें सीएमओ सभागार में आयोजित “सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान” प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय कुमार ने कही, उन्होंने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है, जो मरीज के खांसने और छींकने से फैलता है। इसके लक्षणों में लगातार दो हफ्ते से ज्यादा खांसी, खांसी में बलगम या खून आना, बुखार, सीने में दर्द, भूख की कमी और वजन घटने जैसी समस्याएं शामिल हैं।
यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण हों, तो उन्हें तुरंत जांच कराकर इलाज शुरू करना चाहिए। टीबी का इलाज बीच में छोड़ना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे बैक्टीरिया दवा-प्रतिरोधी हो जाते हैं और इलाज अधिक कठिन हो जाता है। उन्होंने आमजन से टीबी के खिलाफ इस अभियान में सहयोग करने की अपील की और कहा यदि परिवार में किसी को लक्षण हैं, तो टीम को जानकारी दें ताकि इलाज जल्द शुरू हो सके और रोग का प्रसार रोका जा सके।
बरते सावधानी –
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एमएल वर्मा ने बताया कि टीबी का बैक्टीरिया हवा के जरिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर फैल सकता है। इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर खांसते या छींकते समय मुंह ढकना जरूरी है। यदि घर में किसी को टीबी है, तो अन्य सदस्यों को भी इससे संक्रमित होने का खतरा होता है। टीबी के इलाज के 15-20 दिनों के भीतर मरीज की खांसी बैक्टीरिया रहित हो जाती है,
जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। उन्होंने बताया टीबी की जांच और इलाज की सुविधा जिले के सभी सीएचसी और जिला टीबी अस्पताल में उपलब्ध है। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने ब्लॉक स्तर के सीएचसी अधीक्षकों से माइक्रोप्लान और कार्ययोजना के साथ साथ टीबी मुक्त पंचायत की समीक्षा की। इस मौके पर डब्लूएचओ कंसल्टेंट दीपक चतुर्वेदी , डीपीसी रवि शर्मा , एसटीएस, एसटीएलएस सहित सभी ब्लाकों के सीएचसी अधीक्षक उपस्थित रहे ।