कैसरगंज संसदीय सीट की पाँचो विधान सभाओं मे बृजभूषण की खुफिया टीम कर रही है काम
मुस्लिम वोटरो का रूख धीरे-धीरे सरकता जा रहा है काँग्रेस की ओर लग सकता है गठबंधन को झटका
कुतुब अंसारी/अशोक सोनी
जरवल ( बहराइच ) भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की बन चुकी कैसरगंज संसदीय सीट पर अब भाजपा प्रत्याशी बृजभूषण शरण सिंह ने एक कूटनीति के तहत गठबंधन के बसपा ही नही काँग्रेस के खेमे मे अपनी खुपिया टीम लगा दी है जिसे भांप पाना भी इन दोनों दलों के प्रत्याशियों के समझ से परे भी है राजनैतिक जानकारों की माने तो गठबंधन व कांग्रेस के भीतर उनके रसूकदार नेता झण्डा व गाड़ी भले ही उनकी लेकर चल रहे हैं पर नजरे बचा कर भाजपा का रास्ता जरूर साफ कर रहे हैं।
हालांकि कैसरगंज संसदीय सीट पर शुरुवाती दौर मे भाजपा प्रत्याशी बृजभूषण शरण सिंह का सीधा मुकाबला गठबंधन के बसपा प्रत्याशी चन्द्रदेव राम यादव उर्फ करेली के बीच ही सिमट चुका था पर जैसे ही एन वक्त पर काँग्रेस ने यहाँ अपना प्रत्याशी विनय कुमार उर्फ बिन्नू पाण्डेय को उतारा समीकरण कुछ और ही हो गए।राजनैतिक पण्डितो का मानना है कि वर्ष 2014 मे हुए लोकसभा के चुनाव मे भाजपा यहाँ के पाँचो विधानसभा सरगंज,पयागपुर,करनैलगंज,कटरा व तरबगंज मे कमल खिलाने मे बाजी मार ली थी पर मौजूदा समय मे हो रहे चुनाव मे सपा व बसपा दोनो मिलकर भाजपा को सिकस्त देने के लिए चारों तरफ से घेर जरूर रहे हैं।तो दूसरी तरफ काँग्रेस भी भाजपा को घेरने मे कही पीछे भी कतई नही है।
लेकिन भाजपा की कूटनीति ने अब अपने खुफिया तन्त्र को सक्रिय कर बसपा व कांग्रेस के खेमे मे बैचेनी जरूर बढ़ा दी है। वैसे जो भी हो अब यहाँ पर भाजपा के साथ लोकसभा की पाँचो विधानसभा क्षेत्र की जनता कही भाजपा व काँग्रेस के बीच तो कही भाजपा व बसपा के बीच ही सिमटी हुई दिख रही है।बताते चले कैसरगंज संसदीय सीट की दो विधानसभा कैसरगंज व पयागपुर जनपद बहराइच तथा तीन विधानसभा करनैलगंज कटरा व तरबगंज जनपद गोण्डा मे आती है।वर्ष 2014 के चुनाव मे कैसरगंज मे भाजपा को यहाँ 80,058,सपा को 78689,बसपा को 23636 व काँग्रेस को 8310 मत ही मिले थे।जबकि पयागपुर मे भाजपा को 75422,सपा को 44713,बसपा को 35518 व काँग्रेस को 21867 मत मिल पाए थे।पर मौजूदा समय मे यहाँ की जनता क्या फैसला लेती है फिलहाल भविष्य के गर्भ मे ही है।