मिहीपुरवा/बहराइच l कतर्निया घाट वन्य जीव प्रभाग के ककरहा वन रेंज अंतर्गत जंगल के समीप बसे ग्राम बेझा के मजरा पचासा में कंधई पुत्र जगजीवन यादव पर हमले के बाद कई दिनों से फालतू मवेशियों का शिकार करने की घटना घट रही थी जिस पर ग्राम प्रधान रामचंद्र यादव एवं अमिरका प्रसाद निषाद तथा समस्त ग्रामीणों ने वन विभाग से क्षेत्र में पिंजरा लगाए जाने की मांग की थी
जिस पर रेंज अधिकारी द्वारा 1 अक्टूबर को रात 11:00 बजे पिंजड़ा लगाया गया था जो तेंदुआ 4 अक्टूबर बृहस्पतिवार की रात लगभग 1:00 बजे वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में कैद हो गया । तेंदुए के लगातार हो रहे हैं हमले के दृष्टिगत स्थानीय ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग द्वारा तीन दिनों से पिंजरा लगाया जा रहा था । ककरहा रेंज में ही इससे पूर्व कंधई पुत्र जगजीवन पर हमला कर मौत के घाट उतार देने के बाद एक तेंदुआ पकड़ा गया था वही सुजौली रेंज के अयोध्या गांव में बालिका एवं बुजुर्ग महिला पर हमले के बाद पिंजरा लगाया गया था जहां एक तेंदुआ पकड़ा गया था
पकड़े गए दोनों तेंदुओं को ट्रांस गेरुवा जंगल में छोड़ दिया गया है अब यह तीसरा पकड़ा गया है इसे का भी स्वास्थ्य परीक्षण के बाद कहां छोड़ा जाएगा अभी जानकारी नहीं मिली। वही धर्मपुर व बेझा के ग्राम प्रधानों का कहना है कि क्षेत्र में कई दिनों की तेंदुवे की आमद है कृपया पिंजरा वन विभाग द्वारा यहां लगाया रखा जाय और इससे बचने की हमारे गांव के किनारे तार फेंसिंग या खाई खुदाई जाय कंधई पुत्र जगजीवन की मृत्यु के बाद अभी तक नहीं ही यहां लाइट की व्यवस्था ठीक की गई है तथा ना ही कोई सोलर मिला है जो की कंधई का घर जंगल के समीप ही स्थित है।