सपा और बसपा के गठबंधन से बौखलाई, भाजपा ने बोली ये बड़ी बात…

उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन तय हो गया है। इसका औपचारिक ऐलान 12 जनवरी को लखनऊ के ताज होटल में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा मुखिया मायावती की उपस्थिति में होगा। सपा-बसपा के बीच गठबंधन की खबरें पिछले महीने से आ रही थी। लेकिन अब इस गठबंधन पर पर पूरी तरह से अंतिम मुहर लग चुकी है।

इस  गठबंधन पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन से भाजपा को फर्क नहीं पड़ेगा। लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 73 से अधिक सीटें जीतकर एक बार फिर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया जायेगा। अनुप्रिया पटेल और ओमप्रकाश राजभर की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये दोनों हमारी सहयोगी हैं आगामी लोकसभा चुनाव भी हम सब मिलकर साथ लड़ेंगे। राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मंदिर का निर्माण हमारी प्राथमिकता है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही मंदिर का निर्माण शुरू कराया जायेगा। अगला चुनाव विकास और मजबूत भारत के नाम पर लड़ा जायेगा। प्रदेश अध्यक्ष गुरुवार को मल्हनी विधानसभा में किसान मोर्चा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जौनपुर पहुंचे थे।

यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं

माना जा रहा है कि दोनों पार्टियां 37-37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। वहीं कांग्रेस के गठबंधन में शामिल होने की स्थिति में उन्हें सिर्फ उनकी परंपरागत दो सीटें- अमेठी और रायबरेली दी जाएंगी। आरएलडी के भी इस गठबंधन में शामिल होने की संभावना है, जिसे 2 से 3 सीट दी जा सकती है।

यह भी कहा जा रहा है कि अगर अखिलेश और माया गठबंधन करते हैं तो 25 साल पहले का करिश्मा फिर से दोहराया जा सकता है, जब एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम के साथ बीजेपी के रोकने के लिए हाथ मिलाकर यूपी में सरकार बनाई थी। मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव और कांशीराम की उत्तराधिकारी मायावती का यह कदम एक बार फिर से बीजेपी को ही रोकने के लिए है, जिसने साल 2014 के लोकसभा चुनावों और 2017 के विधानसभा चुनाव में विपक्ष को हाशिये पर धकेल दिया था।

 

 

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