
बांदा। शहर के पीली कोठी स्थित भाजपा कार्यालय में रविवार को शहीदी दिवस पर मां भारती के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु, और सुखदेव को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपा जिलाध्यक्ष कल्लू सिंह राजपूत ने कहा कि इन महान क्रांतिकारियों ने अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि राष्ट्रप्रेम से बड़ा कोई कर्तव्य नहीं होता। अपने शौर्य और ओजस्वी विचारों से युवाओं में देशभक्ति का संचार कर, राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की अलख जगाने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान युगों-युगों तक देशवासियों को प्रेरणा देता रहेगा।
अमर बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने अपने अदम्य साहस व क्रांतिकारी विचारों से स्वाधीनता आंदोलन को एक नई दिशा दी थी। मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को कृतज्ञ राष्ट्र सदैव नमन करता रहेगा। पूर्व उपाध्यक्ष उत्तम सक्सेना ने कहा कि अंग्रेजी सरकार ने जिन्हें विद्रोही व देशद्रोही समझा, वह भारत के सच्चे सपूत व सच्चे हीरो थे। इंकलाब जिंदाबाद नारे का उद्देश्य बम और तलवार नहीं बल्कि पूंजीवादी युद्ध की मुसीबत का अंत करना था।
भाजपा स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करती है जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने देश को आजादी दिलाने के लिए अपना बलिदान दिया। आज की युवा पीढ़ी को बलिदान देने वाले इन स्वतंत्रता सेनानियों को याद रखना चाहिए। देश की एकता व अखंडता के लिए काम करना चाहिए। इस मौके पर आनंद स्वरूप द्विवेदी, दिलीप तिवारी, अमित सेठ भोलू, प्रद्युम्न नरेश आजाद, लखन राजपूत, अंबर दीक्षित, संतोष राजपूत, मनफूल पटेल आदि मौजूद रहे।
कांग्रेसजनों ने अमर सपूतों को दी श्रद्धांजलि –

शहर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में पार्टी कार्यालय में आयोजित शहीदी दिवस पर याद करते हुए देश की आजादी में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले अमर सपूतों सरदार भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरु को श्रद्धांजलि दी। शहर अध्यक्ष अफसाना शाह ने कहा कि आज ही के दिन अंग्रेजी हुकूमत ने तीनों क्रांतिवीरों को फांसी पर चढ़ा दिया था। देश के लिए दिया गया योगदान और बलिदान कभी नहीं भुलाया जा सकता है। संकटा प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि भारत का इतिहास बहुत ही महान है।
आरोप लगाया कि भाजपा ने देश के लोगों के लिए कुछ नहीं किया। बेरोजगारी, महंगाई से लोग बहुत परेशान हैं। इस मौके पर सत्यप्रकाश द्विवेदी, धीरेंद्र पांडेय धीरू, राजबहादुर गुप्ता, सुखदेव गांधी, अशरफ उल्ला रंपा, डा.केपी सेन, शब्बीर सौदागर, शिवबली सिंह, रफत खान, सैय्यद वारिस अली, इस्लाम, छेदीलाल धुरिया, नाथूराम सेन आदि उपस्थित रहे।