बांदा : पैर फिसलने से भाई-बहन की ट्रेन से कटकर हुई मौत

अतर्रा से भोपाल जाने के लिए घर से निकले थे

दो माह पहले बहन के पति की हो चुकी थी मौत

भास्कर न्यूज

बांदा। ट्रेन में चढ़ते समय पैर फिसल जाने से सोमवार की देर शाम भाई-बहन ट्रेन से कट गए। भाई की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि घायल बहन को जीआरपी ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया, वहां से उसे कानपुर रेफर किया गया। लेकिन कुछ देर के बाद बहन ने भी दम तोड़ दिया। जीआरपी ने दोनो शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। इधर, परिवारीजनों को भाई बहन के मौत की खबर मिलते ही कोहराम मच गया।

भोपाल जिले के बरखेड़ा पथनी निवासी शिवराम मालवीय (53) पुत्र घनश्याम की बहन उमा देवी (50) पत्नी स्व. जागेश्वर अतर्रा कस्बा में ब्याही है। दो माह पहले उमा देवी के पति जागेश्वर की बीमारी से मौत हो गई थी। जागेश्वर अतर्रा में अमीन के पद पर कार्यरत थे, वह सेवानिवृत्त हो गए थे। पति की मौत के बाद से उमा देवी बेहाल रहने लगी थी। शिवराम मालवीय अपनी बहन उमा देवी को लेने के लिए अतर्रा आया। वहां पर एक दिन रुकने के बाद शिवराम अपनी बहन उमा को कुछ दिन के लिए भोपाल ले जा रहा था। बांदा स्टेशन से दोनो ने रिजर्वेशन करा रखा था। सोमवार शाम को भाई-बहन किसी वाहन से बांदा स्टेशन आए और प्लेटफार्म नंबर दो में पहुंच गए। ट्रेन कुछ देर खड़ी रही। भीड़ अधिक होने के कारण भाई-बहन को काफी परेशानी हुई।

इसी दौरान ट्रेन रवाना होने लगी। भाई-बहन ट्रेन में चढ़ ही रहे थे इसी दौरान बहन उमा का पैर फिसल गया और वह ट्रेन के नीचे पटरी पर पहुंच गई। बहन को बचाने के चक्कर में भाई भी रेलवे ट्रैक में गिर गया। दोनो कट गए। हादसे के बाद लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई। शिवराम की मौके पर मौत हो गई। जबकि आरपीएफ ने मौके पर पहुंचकर घायल बहन उमा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से उसे कानपुर के लिए रेफर किया गया। कुछ ही देर में ट्रामा सेंटर में ही उमा देवी ने दम तोड़ दिया।

अस्पताल पहुंची जीआरपी एसओ अंजना सिंह ने मृतकों के पास से मिले मोबाइल के जरिए परिजनों को सूचना दी। तब शवों की शिनाख्त हो सकी। जीआरपी ने दोनो शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम कराया है। उमा के तीन पुत्र धर्मेन्द्र, महेंद्र, जितेंद्र हैं। तीन पुत्रियां सुनीता, सावित्री और पूजा हैं। सुनीता और सावित्री और धर्मेंद्र की शादी हो चुकी है।

महेंद्र चेन्नई में पीएचडी की तैयारी कर रहा है। जितेंद्र लखनऊ में पालीटेक्निक कर रहा था, पिता की मृत्यु हो जाने के बाद वह घर आ गया। पूजा शादी के योग्य है। वहीं मृतक शिवराम के एक पुत्री और एक पुत्र है। तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। वह एक कंपनी के मैनेजर के तौर पर काम करता था।

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