बांदा : कालिंजर महोत्सव में गिनाई गईं मोटे अनाज की खूबियां

दैनिक भास्कर न्यूज

बांदा । कालिंजर स्थित ऐतिहासिक एवं पौराणिक दुर्ग की तलहटी में आयोजित तीन दिवसीय कालिंजर महोत्सव के अंतिम दिवस राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत कृषि विभाग ने जनपद स्तरीय श्रीअन्न महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बताया गया कि बुंदेलखंड में श्रीअन्न की बेहतर पैदावार की प्रबल संभावनाएं हैं। मोटा अनाज के सेवन से तमाम प्रकार की गंभीर बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। किसानों को श्रीअन्न से भरी टोकरी भेंटकर सम्मानित किया गया।

मोटा अनाज को बताया गंभीर बीमारियों से निजात में कारगर

उप कृषि निदेशक ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं प्रतिभागी कृषकों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया की पहले मिलेट्स फसलों को मोटा अनाज कहते थे। अब प्रधानमंत्री ने इनका नामकरण श्रीअन्न कर दिया है। श्रीअन्न फसलों में ज्वार, बाजरा, सवा, कोदो, रागी, चीना आदि फसलें आती हैं। जनपद का अधिकांश क्षेत्र वर्ष आधारित है, जहां श्रीअन्न फसलों के उत्पादन की प्रबल संभावनाएं हैं। कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय से आये डॉ.आनंद सिंह ने कृषकों को वर्तमान में तीन-चार वर्षों से लगाये गये बागों में सहफसलों की खेती कर अतिरिक्त आय प्राप्त करने के लिये प्रेरित किया।

किसानों को अन्न की टोकरी भेंटकर किया गया सम्मानित

कृषि वैज्ञानिक डॉ.देवकुमार ने किसानों को श्रीअन्न फसलों में वर्मी कंपोस्ट के माध्यम से खेती कर अधिक उत्पादन प्राप्त करने की सलाह दी। डॉ.सौरभ ने मानव पोषण में श्रीअन्न फसलों के महत्व की जानकारी देते बताया कि श्रीअन्न की फसलों से मधुमेह, रक्ताल्पता, हड्डियों में कमजोरी, एनीमिया, विटामिन ए की कमी से निजात पाई जा सकती है। कृषकों को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष का भरपूर लाभ उठाने के प्रेरित किया गया। डॉ.अनिकेत कोल्हापुरे ने ज्वार-बाजरा की खेती करने की विस्तृत जानकारी दी। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ.मयंक दुबे ने कृषकों से कहा कि जहां के पशुओं का स्वास्थ बेहतर होगा, वहां के किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

पशुपालन के संबंध में उन्होंने प्रबंधन अपनाने के चार मंत्र नस्ल प्रबंधन, पोषण प्रबंधन, आवास प्रबंधन एवं स्वास्थ्य प्रबंधन बताये। उन्होंने पशुपालन से आय प्राप्त करने की सलाह दी। श्रीअन्न के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक विकास खंड से एक-एक कृषक को माल्यार्पण कर अंगवस्त्र भेंट किये जाने के साथ श्रीअन्न की टोकरी भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सभी विकास खंडों से तकरीबन 1 हजार कृषकों ने प्रतिभाग किया।

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