दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की जनपद इकाई ने प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर परिषदीय शिक्षकों के लिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी सशुल्क चिकित्सा बीमा का आदेश निरस्त कर शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ दिए जाने के लिये जिलाध्यक्ष पंकज सिंह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगपत्र प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा।
जिलाध्यक्ष पंकज सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ लगातार शिक्षक समाज के हित में पुरानी पेंशन, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, पदोन्नति, स्थानांतरण समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दे मुख्यमंत्री के समक्ष उठाता रहा है। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार बनने पर उनके कार्यालय व बेसिक शिक्षा मंत्री शिक्षकों को 100 दिन में कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान किये जाने को ट्वीट किया गया था, लेकिन बीएसए विभाग के अधिकारी जानबूझकर शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा दिए जाने के निर्देश की अवहेलना कर रहे है।
प्रदेश के शिक्षक आक्रोशित है और खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के सशुल्क चिकित्सा बीमा के आदेश को निरस्त कर परिषदीय शिक्षकों के सम्मान व हित को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह ही कैशलेस चिकित्सा सुविधा दिए जाने की मांग की।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष डॉ.शिवप्रकाश सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विश्वनाथ प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष सुधीन्द्रबाबू दीक्षित, विनोद शिवहरे, संतोष मिश्रा, मनोज सिंह, अमर सिंह यादव, अभिषेक सिंह पटेल, गार्गी नेगी, शिखा खरे, जूही शर्मा, अशोक दीक्षित, रणवीर सिंह, चूड़ामणि मिश्रा, अमरपाल सिंह, सतपाल, निरंजन समेत सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।