बांदा : अधिकारियों को याद दिलाया ग्राम प्रधानों को साक्षर बनाने का दायित्व

-60 दिन का था लक्ष्य, विधानसभा चुनाव के कारण हुई देरी

बांदा। विधानसभा चुनाव सकुशल संपन्न होने पर सभी अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए जिलाधिकारी ने उन 58 अधिकारियों को अपना दायित्व स्मरण कराया, जिन्हें जनपद के 58 निरक्षर ग्राम प्रधानों को साक्षर बनाने का दायित्व सौंपा गया था।

जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग पटेल ने विधानसभा चुनाव सकुशल, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण ढंग से संपन्न कराये जाने के लिये सभी अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। ‘साक्षर प्रधान गांव की शान’ की पहल के तहत जिलाधिकारी ने जनपद के निरक्षर 58 ग्राम प्रधानों को साक्षर बनाने के लिए जनपद स्तरीय 58 अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, जिसका लक्ष्य 60 दिन रखा गया था, जो कि विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए थोड़ा विलम्ब से हुआ है, लेकिन अब वे अधिकारी पुनः अपने गोद लिए ग्राम प्रधान को साक्षर बनाने की पहल प्रारम्भ कर दें, जिससे निरक्षर ग्राम प्रधान साक्षर बनकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर सकें और अपने ग्राम पंचायत स्तरीय शासकीय कार्य अपने हस्ताक्षर से भली-भांति कर सकें। इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता न होने पाये।

उन्होंने इन अधिकारियों और ग्राम प्रधानों को विधानसभा सामान्य चुनाव में मत प्रतिशत में बढोत्तरी के लिये ब्राण्ड एम्बेसडर बनाया गया था, जिसमें कुछ अधिकारियों ने अपने गोद लिए ग्राम प्रधान के माध्यम से मत प्रतिशत में बढोत्तरी भी करवाई है। डिप्टी कलेक्टर लाल सिंह यादव ने तहसील नरैनी ग्राम पंचायत माधवपुर में 84.55 प्रतिशत वोटिंग कराई है, दूसरे स्थान पर भूमि संरक्षण अधिकारी, तीसरे स्थान पर प्रशिक्षण अधिकारी, चौथे स्थान पर अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे 73.46 प्रतिशत तथा पांचवें स्थान पर उप निदेशक कृषि रहे। इसी प्रकार कुछ अधिकारियों ने अच्छा कार्य किया है तथा कुछ ने अपने कार्य एवं दायित्वों में लापरवाही बरती है, जिसमें जिलाधिकारी के द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी।

जिलाधिकारी ने इन अधिकारियों को निर्देशित किया कि संबंधी ग्राम के शिक्षक से मिलकर तथा रात्रि में भी जिनकी ड्यूटी पठन-पाठन के कार्य में लगी है उनसे संपर्क कर पठन-पाठन के कार्य को पूर्णतः प्रारम्भ करा दिया जाए, जिससे अनपढ़ महिलाओं को शिक्षित कर सशक्त बनाया जा सके।

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