बांदा : पाखंड और अंधविश्वास के धुर विरोधी थे संत गाडगे

संत गाडगे को श्रद्धांजलि देकर याद किया

भास्कर न्यूज

बांदा। संत गाडगे सेवा समिति जिला इकाई ने धूमधाम से महान संत गाडगे को जयंती पर याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सभी ने उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि संत गाडगे पाखंड और अंधविश्वास का धुर विरोधी थे। संत गाडगे का जीवन समाज के लोगों के लिए एक आदर्श है। आज जरूरत इस बात की है कि हम एकजुट होकर इस महान संत के बताए रास्ते पर चलें।

नरैनी रोड स्थित कांशीराम स्मृति उपवन में संत गाडगे सेवा समिति जिला इकाई ने धूमधाम से संत गाडगे की 146वीं जयंती मनाई। विचार गोष्ठी आयोजित कर मजबूती पर बल दिया गया। बालिका शिक्षा को विशेष रूप से मजबूत बनाने की प्रेरणा दी गई। संत गाडगे यूथ ब्रिगेड राष्ट्रीय संरक्षक अमरदीप सिंह माथुर ने कहा कि संत गाडगे महराज ने गरीबों, पिछड़ों व दलितों के उत्थान को बहुत कार्य किए। उनका जीवन संघर्ष सीखने लायक है। सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद किया जाता रहेगा। समाज के लोगों को एकजुट होकर बेहतरी के लिए कोशिश करनी चाहिए। शिक्षा पर पूरा जोर होना चाहिए। वहीं व्यसनों से दूर रहना भी जरूरी है। डिप्टी कमिश्नर विजय चैधरी ने कहा कि गाडगे महराज ने धोबी घाट, धर्मशाला, स्कूल तथा अस्पताल बनवाए। डा.भीमराव अंबेडकर के आंदोलन में शामिल होकर दलित उत्थान के कार्य किए। उनका संदेश था एक रोटी कम खाना लेकिन बच्चों को जरुर पढ़ाना, जिससे कि बच्चे आत्मनिर्भर बने।

इस मौके पर राजाराम गुरुदेव, शिवशरण,डा.श्याम प्रकाश अनुरागी, नंदकिशोर, अर्चना भारती, मनीष कुमार, अंजली वर्मा, अशोक बुंदेला, शिव प्रसाद, मोहनलाल राज, जयकरण, शिवमंगल, जेपी वर्मा, जय करण भूषण कुमार, मनीष कुमार, डा.अनिल कुमार आदि उपस्थित रहे।

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