दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। एक हफ्ते की जबरदस्त सर्दी से इंसान तो इंसान पशु-पक्षी भी मरणासन्न हो गये थे, लेकिन रविवार को सुबह से खिली गुनगुनी धूप हाड़ कंपाऊ इस सर्दी से ठिठुरते लोगों के लिये संजीवनी का काम कर गई। लोगों ने अपनी छतों और चौबारों पर गुनगुनी धूप का आनंद लिया। धूप निकलने से 24 घंटे के भीतर ही न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है, जबकि अधिकतम तापमान में भी दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
एक सप्ताह तक पड़ी कड़ाके की ठंड से परेशान हुए लोग
दिसंबर माह के अंत तक किसी को भी इस बात का इल्म नहीं था कि इस बार की सर्दी बीते कई वर्षों का रिकार्ड तोड़ने वाली है। हालांकि मौसम वैज्ञानिक स्पष्ट कर चुके थे कि इस बार सर्दी बेहद कम दिनों के लिये पड़ेगी, लेकिन इस अल्प समय की सर्दी में ही तापमान तेजी से नीचे गिर सकता है और हुआ भी वही। जनवरी माह के पहले दिन से सर्दी ने अपना जो असर दिखाना शुरू किया वह पूरे एक हफ्ते नहीं थमा।
दिन-प्रतिदिन तापमान में गिरावट आती गई। शुक्रवार और शनिवार को तो न्यूनतम पारा लुढ़ककर जमाव बिंदु के करीब 2 डिग्री तक पहुंच गया। इंसान तो क्या पशु-पक्षियों के लिये भी किसी वज्र के प्रहार से कम नहीं था। जिस तरह से लोगों ने दिसंबर माह में इतनी भयंकर सर्दी की कल्पना नहीं की थी उसी तरह इस एक हफ्ते की सर्दी में भी यह अनुमान नहीं लगाया जा सकता था कि रविवार सुबह जब धूप खिलेगी तो वह पूरे एक हफ्ते की सर्दी और गलन के दर्द पर संजीवनी बनकर काम कर जायेगी।
न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भी हुआ इजाफा
रविवार सुबह आसमान एकदम साफ होने से प्राची दिसि में पूर्व की तरह ही लालिमा के बाद सूर्य नारायण के दर्शन हुए। तकरीबन दो घंटे बाद ही सूरज की किरणों ने जो गुनगुनाहट धरती पर बिखेरी वह ठिठुरते लोगों के लिये किसी संजीवनी से कम नहीं थी। इसीलिये न सिर्फ इंसानों बल्कि पशु-पक्षियों ने भी सारा दिन गुनगुनी धूप सेंकी। जिला अस्पताल में अपने बेड पर ठिठुरते लोग भी धूप सेंकने को अस्पताल के आंगन में आ गये। जनपद में इस बार सर्दी के मौसम में पांच किसानों समेत दर्जन भर से ज्यादा लोगों मौत हो चुकी है, लेकिन तापमान में हो रही बढ़ोत्तरी और मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान बता रहा है कि बुंदेलखंड में लोगों को सर्दी से जल्द राहत मिल जायेगी। व्यापारियों ने ली राहत की सांस
धूप निकलने से गलन भरी सर्दी से राहत मिलने के कारण रविवार को लोग थैले लेकर खरीददारी को बाजार निकल पड़े, जिसकी वजह से पूरे एक हफ्ते बाद बाजार में भी खूब चहलपहले दिखाई पड़ी। हालांकि बाजार में भीड़ होने की एक वजह आने वाले गणेश चतुर्थी व मकर संक्रांति के त्योहार भी हैं। खरीददारी ठप होने से व्यापारियों ने भी राहत की सांस ली है।
आसमान में लहराने लगी पतंगें
आमतौर पर आसमान में पतंगें मकर संक्रांति पर्व और उसके बाद ही लहराती दिखाई पड़ती हैं, लेकिन रविवार को गुनगुनी धूप खिलने से बच्चे भी मंझा और लटाई लेकर छतों पर आ गये और सारा दिन पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। बाजार में भी इस बार पतंगी कागज से तैयार होने वाली पतंगों से कहीं ज्यादा रंग-बिरंगी पन्नियों से बनने वाली पतंगें अधिक नजर आ रही हैं।