दैनिक भास्कर न्यूज
बांदा। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर पारा लुढ़ककर 2 डिग्री सेल्सियश तक पहुंच गया। कड़ाके की सर्दी के बावजूद केन नदी तट पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर स्नान किया और अपने इष्ट को खिचड़ी अर्पण करने के बाद गरीबों को दान किया। भूरागढ़ दुर्ग और नटबली मंदिर में लगे मेले में दूसरे दिन पहले से कहीं ज्यादा जनसैलाब उमड़ा। लोगों ने जमकर खरीददारी की। इस बीच सुरक्षा व्यवस्था के लिये पुलिस के कड़े पहरे का इंतजाम रहा।
तिथियों के फेर में फंसे मकर संक्रांति के त्योहार में पहले दिन रविवार से कई गुना अधिक भीड़ दूसरे दिन सोमवार को हुई। हालांकि सर्दी अधिक होने के कारण तड़के केन नदी तट पर स्नान करने वालों की संख्या बल काफी कम दिखा, लेकिन जैसे-जैसे दिन का उजाला फैलता गया, लोगों की केन नदी तट पर आमद बढ़ती गई।
दूसरे दिन कई गुना अधिक उमड़ा जनसैलाब, खिचड़ी दान कर निभाई परंपरा
तकरीबन 10 बजे जब कोहरा छंटा तो सूर्य नारायण की किरणों ने गुनगुनी धूप धरती पर बिखेरी तो मेला का रेला इतना अधिक बढ़ गया कि सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों को भीड़ संभालने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। श्रद्धालुओं ने केन नदी तट पर डुबकियां लगाते हुए स्नान किया और अपने इष्ट का पूजन-अर्चन करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर जगत कल्याण की कामना की। इसके बाद गरीबों और जरूरतमंदों को खिचड़ी के साथ ही सामर्थ्य के अनुसार गर्म कपड़े आदि का दान किया। इसके बाद लोगों ने आशिकों के देवता के रूप में विराजमान नटबली मंदिर में रेवड़ी का भोग लगाया। इस बीच लोगों ने भूरागढ़ दुर्ग का भ्रमण किया और यहां लगे मेले का लुत्फ उठाते हुए खरीददारी भी की।
युवाओं में सेल्फी के लिये लगी रही होड़
कार्यक्रम कोई भी हो युवाओं में बढ़ते सेल्फी क्रेज के आगे सब फीका होता है। पुरातन दुर्ग भूरागढ़ में युवाओं ने मेले को याददाश्त बनाने के उद्देश्य से यहां सेल्फी भी खूब ली। नौका विहार से लेकर नटबली मंदिर और भूरागढ़ दुर्ग में युवा हों या फिर युवतियां अपने ग्रुप के साथ अधिकांश लोग सेल्फी लेते नजर आये। बहुत सारे युवाओं ने नदी के छिछले पानी में उतरकर पहाड़ के पत्थरों के बीच भी सेल्फी ली।