
- आज संभागीय सम्मेलन में दहाड़ेंगे पूर्व सांसद उदित राज
- दलितों और बहुजन समाज को जागरूकता का करेंगे संचार
बांदा। अपने मूल उद्देश्यों से भटक चुके बहुजन आंदोलन को एक बार फिर से जागरूक करने की जरूरत पर बल देते हुए दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी संगठनों का परिसंघ (डोमा) ने बीड़ा उठाया है। आंदोलन के अगुवा और डोमा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद उदित राज ने आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाने, वक्फ बोर्ड को बचाने, जातिगत जनगणना कराने और चुनावों से ईवीएम हटाने के संकल्प को लेकर संभाग स्तर पर सम्मेलनों की शुरूआत की है। जिसका आगाज बुंदेलखंड के चित्रकूटधाम संभाग से 23 मार्च को होने जा रहा है।
शनिवार को शहर के एक होटल में पत्रकारों से बात करते हुए डोमा संगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विजय बहादुर माधव ने कार्यक्रम की जानकारी दी। कहा कि शहर के साक्षी कांप्लेक्स में रविवार को संविधान एवं आरक्षण बचाओ सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदित राज बहुजन समाज को जागरूक करने का प्रयास करेंगे।
बताया कि बुंदेलखंड के इलाके में बहुजन सर्वाधिक जागरूक है, इसलिए सम्मेलनों की शुरूआत के लिए चित्रकूटधाम को ही चुना गया है। यहां से उठी आवाज पूरे प्रदेश से होते हुए देश तक पहुंचेगी और आसपास के क्षेत्र में बहुजन आंदोलन को नई दिशा मिलेगी। दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी परिसंघ (डोमा) का संभागीय सम्मेलन 23 मार्च को बांदा में होने जा रहा है। उप्र में बहुजन आंदोलन मृत सैया पर लेटा हुआ है। बहुजन आंदोलन गाली- गलौज पर आधारित नही होना चाहिए और न ही झूठी दिलाशा पर ।
इसका उद्देश्य हिस्सेदारी और समानता के लिए होना चाहिए। ऐसे उद्देश्य की पूर्ति के लिए दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी परिसंघ (डोमा) अब उप्र के धरती पर पूरी ताकत से उतर पड़ा है। डॉ अंबेडकर, फुले, साहू, लोहिया, पेरियार के विचारों का आंदोलन अब खत्म हो रहा है।
डोमा संगठन की बुंदेलखंड अध्यक्ष सीमा खान ने बसपा सुप्रीमो मायावती को आड़े हाथों लिया। कहा कि उदित राज की अगुवाई में डोमा संगठन की बढ़ती लोकप्रियता से बसपा सुप्रीमो और उनके अंधभक्त बौखला गए हैं और उनके नेता के खिलाफ गाली गलौज पर उतर आए हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष द्वारिकेश यादव मंडेला समेत कई लोग शामिल रहे।