सिद्धौर बाराबंकी : एक तरफ जहां पर राज्य सरकार सभी को शिक्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रचार-प्रसार करवाकर स्कूल चलो अभियान में सभी अशिक्षितो को शिक्षित करने का काम करती है तो शिक्षा क्षेत्र सिद्धौर के चंद्र विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के भविष्य पर ग्रहण चंद अध्यापिकाओं व अध्यापकों द्वारा लगाया जा रहा है
ग्रामीणों की शिकायतों पर सिद्धौर खंड विकास अधिकारी मौन रहते हैं एक जीता जागता उदाहरण शिक्षा क्षेत्र सिद्धौर के चंद्र विद्यालयों सहित पूर्व माध्यमिक विद्यालय शेषपुर हकीम का बताया जा रहा है जहां पर कई दर्जन ग्रामीणों ने विगत महीनों से प्रधानाध्यापिका अध्यापिका के ना आने पर विद्यालय के मेंन गेट में ताला जड़ दिया है लोगों ने बताया सहायक अध्यापकों का बराबर विद्यालय आते देखा जा रहा है पर अध्यापिका अनामिका पाल सिंह का ट्रांसफर संबंधित अधिकारियों द्वारा कराया जाए या कोई
अध्यापिका छात्र छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने के लिए विद्यालय में तैनाती कराई जाये छात्र-छात्राओं के भविष्य पर ग्रहण ना लगाया जाए यह सब जानकर भी जिम्मेदार अधिकारी मौन रहते हैं ग्रामीणों का यह भी कहना है राष्ट्रीय पर्वों के अलावा अध्यापिका अनामिका पाल कई महीनों से छात्र-छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने नहीं आती हैं जिसको लेकर कई बार सिद्धौर खंड शिक्षा को लिखित शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई शिकायती पत्र को संबंधित अधिकारी ने नजर अंदाज कर पल्लू झाड़ लिया उधर छात्र छात्राओं के भविष्य संकट मंडराता नजर आ रहा है
इस संबंध में जब सी यू जी नंबर 8765958945 पर जानकारी लेने के लिए फोन किया गया तो फोन में इनकमिंग न होने की बात कहकर फोन कट गया वहीं पर इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव ने प्रधानाध्यापिका अनामिका पाल को कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के विपरीत तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के उलंघन में 16 अगस्त को ही निलंबित कर दिया था