बाराबंकी: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में एक बच्चे की जिंदगी खतरों से जूझ रही है. दोनों हाथों-पैरों में 20 की बजाय 24 उंगलियां हैं. तांत्रिक, अन्य लोग ही नहीं बल्कि बच्चे के रिश्तेदार भी उसके खून के प्यासे हो गए हैं. उसकी बलि चढ़ाने की फिराक में हैं. इसे लेकर इतना खौफ है कि माता-पिता ने स्कूल जाना बंद करा दिया है. उसे घर से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता कि कहीं अपहरण कर उसकी बलि न चढ़ा दी जाए. लोग ऐसा अमीर बनने के लिए करना चाह रहे हैं. दो साल पहले बच्चे की बलि के चक्कर में दो रिश्तेदार जेल भी भेजे गए. वही फिर से जेल से छूट कर आ गए. और फिर से बच्चे की बलि की कोशिश करने लगे हैं.
बच्चे को ले गए जंगल, शुक्रवार ने बचाई जान
मामला बाराबंकी के मोहल्ला रामनगर का है. यहां के रहने वाले खुन्नी लाल मिस्त्री के 13 साल का बेटा शिवनंदन है. शिवनंदन के दोनों हाथों व दोनों पैरों में 6-6 उंगलियां हैं. इन सब को मिलाकर उसकी 24 उंगलियां हैं. ईश्वर की ये देन उसके लिए मुसीबत बन गई है. खुन्नी लाल के अनुसार कुछ दिन पहले बच्चे को कुछ लोग बहला-फुसलाकर ले गए. इसमें रिश्तेदार भी शामिल थे. बच्चे को जंगल में गए और हवन के बीच बैठा दिया. यहां तांत्रिक भी था. बच्चे की उँगलियों पर निशान लगाए. काफी देर तक पूजा पाठ चलता रहा. इसके बाद तांत्रिक ने अचानक कहा कि आज शुक्रवार है. बलि नहीं मानी जाएगी. गुरुवार का दिन ठीक रहेगा. इसके बाद बच्चे को छोड़ गए. डरे सहमे बच्चे ने मां-बाप को घटना की जानकारी दे दी.
इसी कारण गए जेल, छूटे फिर करने लगे कोशिश
परिजनों के अनुसार, उन्हें खबर मिली कि रिश्तेदारों सहित कई लोग बच्चे की बलि चाहते हैं. इन लोगों से तांत्रिक ने कहा कि 24 उंगली वाले बच्चे की बलि बेहद शुभ होती है और इससे लक्ष्मी खुश हो जाएंगीं. और बलि चढ़ाने वाले अमीर हो जाएंगे. खुन्नी लाल ने बताया कि ये मामला नया नहीं है. जो अभी ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं, वही लोग दो साल पहले भी ऐसा करने की कोशिश कर चुके हैं. उसने दो रिश्तेदारों के खिलाफ रिपोर्ट कराई थी. इस पर दोनों को दो साल की जेल हुई थी. अब ये दोनों जेल से छूटकर आ गए. जेल से छूटने के बाद फिर से तंत्र मंत्र कर बच्चे को मारने के लिए घूम रहे हैं.
पिता काम छोड़ कर रहे चौकीदारी
पिता ने बताया कि वह 24 घंटे बच्चे की रखवाली कर रहे हैं. बच्चे के लिए रात भर जाग कर चौकीदारी करते हैं. उन्होंने काम पर जाना भी छोड़ दिया है. इस कारण परिवार के भरण-पोषण का संकट भी खड़ा हो गया है. डर के कारण बच्चे का स्कूल जाना बंद करा दिया गया है. घटना की पुलिस से शिकायत की गई है. बाराबंकी पुलिस का कहना है कि घटना की सूचना मिली है. बच्चे को सुरक्षा दी जाएगी. रामनगर सीओ उमाशंकर के अनुसार, बच्चे की पढ़ाई नहीं रुकने दी जाएगी. वह बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठाने को तैयार हैं.