बाराबंकी : अलग ही नज़र आ रहा स्वास्थ्य विभाग का यह कारनामा

रामसनेहीघाट/बाराबंकी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग के साथ ही बिना भूमि व भवन के कागजों पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर लाखों का स्वास्थ्य उपकरण खरीद लिए जाने का मामला प्रकाश में आया है।जनपद में आरोग्य स्वास्थ्य केंद्रो का निर्माण भले ही ना हुआ हो लेकिन स्वास्थ विभाग ने कर्मचारियों की नियुक्ति करके करोड़ों रुपए के उपकरण खरीद कर गोदामों में रख दिया गया।

शासन द्वारा गांव के लोगों को गांव में ही प्राथमिक इलाज दिलाने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र के पास ही आरोग्य स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन बनाकर उसमें एक सी एच ओ की तैनाती कर के ग्रामीणों को तत्काल प्राथमिक इलाज की सुविधा उपलब्ध कराए जाने के निर्देश थे। किंतु यह योजना को मूर्ति रूप देने की कवायद कागजी होने लगी विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ करके बड़े पैमाने पर असली जामा पहनाया गया।

जनपद में बनने थे 114 आरोग्य स्वास्थ्य केंद्र बाराबंकी जनपद में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के आसपास 114 आरोग्य स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया जाना था आरोग्य स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए टेंडर भी आमंत्रित किए गए लेकिन अभी तक किसी भी एजेंसी का चयन नहीं हो सका जिससे कहीं भी निर्माण कार्य नहीं शुरू हुआ।किस संस्था द्वारा निर्माण कराया जाएगा यह अभी तक साफ नही हुआ।आश्चर्य जनक बात तो यह है कि आरोग्य केंद्रों का निर्माण शुरू नही अभी तक किसी संस्था द्वारा टेंडर नही मिला फिर भी स्वास्थ विभाग द्वारा इन आरोग्य केन्द्र पर सी एच ओ की तैनाती लगभग 2 माह पूर्व ही कर दी गई जब आरोग्य केंद्र बना ही नहीं तो यह नवनियुक्त कर्मचारी किस मरीज को इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं यह स्वास्थ विभाग बेहतर जानता होगा।

आरोग्य स्वास्थ्य केंद्र बनने से पूर्व ही इसमे प्रयोग के लिए खरीदे गए करोड़ों के उपकरण चिकित्सा विभाग आरोग्य स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए भले ही अभी तक एजेंसी का चयन ना कर सका हो लेकिन उसने 2 माह पूर्व भी आरोग्य केंद्रों के लिए करोड़ों के उपकरण कुर्सी मेज तथा अन्य फर्नीचर खरीद डालें सूत्रों की माने तो इस खरीद में अधिकारियों द्वारा गुणवत्ता विहीन सामग्री बाजार से अधिक मूल्य पर खरीद कर भारी घोटाला किया गया है।

इस मामले में सीएमओ कहते हैं कि 114 आरोग्य केंद्रों का निर्माण करने के लिए विभिन्न 8 निर्माण एजेंसियों द्वारा आवेदन किया गया है लेकिन डीएम द्वारा गठित कमेटी की बैठक ना हो पाने के कारण अभी तक किसी एजेंसी का चयन नहीं हो सका है। नवनिर्मित होने वाले केंद्रों पर कर्मचारियों के नियुक्ति शासन द्वारा की गई है।

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