श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने गुरुवार को दावा किया कि बारामूला में अब कोई आतंकी नहीं बचा। यहां एक दिन पहले बुधवार को ही लश्कर के तीन आतंकी ढेर किए गए थे। राज्य में 2017 से सुरक्षाबलों की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल ऑउट के बाद यह पहला मौका है जब किसी जिले को आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “‘बारामूला में अब एक भी आतंकी जीवित नहीं बचा है। इसके लिए हम स्थानीय लोगों का शुक्रिया जताना चाहते हैं क्योंकि उनके सहयोग के बिना ऐसा माहौल तैयार कर पाना संभव नहीं था।’’
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि कश्मीर को शांति की जरूरत है, ताकि यहां बेहतर भविष्य बनाने में लोग अपना योगदान दे सकें। बुधवार को सुरक्षाबलों को शहर से कुछ दूर बिन्नेर इलाके में लश्कर के तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इसके बाद तीनों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। तीनों की पहचान सुहैब फारूक अखून, मोहसिन मुश्ताक और नासिर अहमद दर्जी के तौर पर की गई। पुलिस के मुताबिक- तीनों आतंकी बारामूला और सोपोर में कई घटनाओं में शामिल थे। पिछले साल अप्रैल में इन लोगों ने तीन युवकों की हत्या की थी। इनका एक साथी एजाज अहमद गोजरी पहले ही पकड़ा जा चुका है।
पिछले 4 सालों में सुरक्षाबलों ने 2018 में सबसे ज्यादा 257 आतंकी मार गिराए। एजेंसी के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने 2017 में 213, 2016 में 150 और 2015 में 108 आतंकी मारे थे। 2018 में सेना ने 142 आतंकियों को 31 अगस्त तक ही मार गिराया था। अगस्त-2018 में सबसे ज्यादा 25 आतंकी मारे गए थे। न्यूज एजेंसी ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि घाटी में अभी भी 300 से ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं। इनकी हरकतें सबसे ज्यादा दक्षिण कश्मीर में देखी गई हैं। सोशल मीडिया के जरिए ये लोग युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारी का कहना है कि एक-47 आतंकियों का सबसे पसंदीदा हथियार है।