दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली। खुशहाली फाउंडेशन की ओर से हरि मंदिर में बीते एक सप्ताह से चल रही रामकथा रविवार को संपन्न हो गई। यह रामकथा कई वजहों से चर्चा में है। पहला तो यह कि शहर के एक हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामकथा आयोजन के सूत्रधार थे। दूसरे आरएसएस के वरिष्ठ नेता कृष्ण गोपाल के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. अरुण कुमार समेत विधायक, भाजपा पदाधिकारी और मेयर टिकट के दावेदार भी रामकथा में शामिल हुए। भाजपा सूत्रों ने बताया कि रामकथा में आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने डॉक्टर को अपना आशीर्वाद दे दिया है। उसके बाद से साहब गदगद हैं। रामकथा के बाद डॉक्टर अपना टिकट पक्का मानकर चल रहे हैं। उन्होंने बातचीत में स्वीकार किया कि उन पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने विशेष कृपा की है। कथा से भविष्य की राजनीति के लिए बहुत सकारात्मक संकेत मिले हैं। लगे हाथ कई भाजपाइयों ने डॉक्टर साहब को टिकट पक्का होने की बधाई भी दे डाली है।
खुशहाली फाउंडेशन की ओर से चल रही रामकथा संपन्न्
बरेली में मार्च का महीना रामकथाओं के नाम रहा। एक रामकथा प्रेम के कवि से नेता और फिर कथावाचक बने डॉ. कुमार विश्वास ने सुनाई। इस कथा के आयोजनकर्ता भाजपा के निवर्तमान विधायक थे। उस कथा की चर्चा भी खूब रही। बाद में खुशहाली फाउंडेशन की ओर से हरि मंदिर में 26 मार्च से दो अप्रैल तक रामकथा का आयोजन किया गया। इसमें देश के प्रसिद्ध कथा व्यास पंडित विजय कौशल महाराज ने एक सप्ताह तक श्रोताओं को भगवान राम की कथा का अमृत पान कराया। रामकथा आयोजन यूं तो खुशहाली फाउंडेशन की तरफ से था, लेकिन कथा के असली आयोजक हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर थे।
कथा आयोजन का पूरा खर्चा उन्होंने ही वहन किया। आयोजक डॉक्टर से खुश हैं। चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि रामकथा में एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो गए। कथा में फाउंडेशन को चंदा भी पूरे श्रद्धाभाव से इसलिए दिया गया, ताकि बड़े नेताओं से टिकट का आशीर्वाद मिल सके। संघ के वरिष्ठ नेता ने दिल्ली से आकर राम कथा सुनी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में संघ के इन नेता का आशीर्वाद एक डॉक्टर को मिल गया तो वह भी टिकट पाकर एमएलए बन गए। अन्य डॉक्टर भी उनसे ही प्रेरणा लेकर किसी न किसी न बहाने से संघ नेता का आशीर्वाद पाने की कोशिश में हैं। दूसरे डॉक्टर भी हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं। उनको उम्मीद है कि रामकथा में मिले संघ नेता के आशीर्वाद से शायद उनकी नैया भी पार हो जाए।