भास्कर ब्यूरो
बरेली : शासन-प्रशासन से आदेश के बावजूद झोलाछाप व बिना रजिस्ट्रेशन के अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग से शिकंजा नहीं कसने का खामियाजा नवजात कों जान गंवाकर भुगतना पड़ा। झोलाछाप की वजह से जब महिला की तबीयत बिगड़ी तो झोलाछाप ने महिला को दूसरे अस्पताल भेज दिया जहां बच्चे की स्थिति गंभीर थी। जिसके चलते बच्चों की मौत हो गई। वहीं परिजनों नें इसकी शिकायत सीएमओ कार्यालय में की है।
मामला थाना फतेहगंज पश्चिमी के कुम्हारा के रहने वाले सूरज प्रताप के मुताबिक उनकी पत्नी रेखा गर्भवती थी। बीती 6 अगस्त कों उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। जिसके चलते वो पत्नी को पास के रेलवे स्टेशन फतेहगंज अस्पताल ले गए। जिसके बाद अस्पताल परिसर में मौजूद झोलाछाप नें महिला की स्थिति को देखकर कहा कि चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। पत्नी को सुबह अस्पताल ले आना मैं नॉर्मल डिलीवरी कर दूंगा। जिसके बाद सूरज अपनी पत्नी को सुबह अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां झोलाछाप ने अस्पताल में भर्ती किया।
सूरज का आरोप है इस दौरान नॉर्मल डिलीवरी के एवज़ में कई बार उनकी पत्नी कों इंजेक्शन लगाए गए। पत्नी की पीड़ा को देखते हुए सूरज ने झोलाछाप से कई बार दूसरे अस्पताल रेफर करने को कहा इसके बाद झोलाछाप ने कहा मै तुम्हारी बीवी की पहली डिलीवरी नहीं कर रहा हूं इससे पहले भी मैंने कई सारी डिलीवरी की है। वही सूरज का आरोप है कुछ ही देर में राखी की तबीयत और बिगड़ने लगती है उसके बाद उसे झोलाछाप दूसरे अस्पताल में रेफर कर देता है। सूरज का आरोप हैं जिसके बाद डॉक्टर नें ऑपरेशन किया वही युवक की पत्नी ने जिस बच्चे को जन्म दिया वो बच्चा काफ़ी कमज़ोर था। डॉक्टर ने तुरंत ऑक्सीजन लगाकर बच्चों को बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दो दिन वेंटीलेटर पर रहने के बाद बच्चे की मौत हो गई।
इस बीच सूरज को जानकारी हुई सूरज ने जहां अपनी पत्नी को दिखाया था उसे झोलाछाप की लापरवाही से उसे बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद सूरज ने आरोपी डॉक्टर खिलाफ थाने में तहरीर दी। वहीं सूरज ने आज सीएमओ कार्यालय पहुंचकर इसकी शिकायत भी की।