बरेली। खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी और उसके बेटे को आखिरकार एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया। डी फार्मा की फर्जी डिग्री देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप शेर अली जाफरी पर है।
खुसरों कॉलेज ने किसी भी विश्वविद्यालय से अनुमति न होने के बावजूद डी फार्मा में दाखिले लेकर सैकड़ों छात्रों को फर्जी डिग्री दे दी थी। साथ ही उनसे करोड़ों रुपये की ठगी की। डी फार्मा के 379 विद्यार्थियों को फर्जी डिग्री देकर 3.69 करोड़ रुपये ठग लिए। मामले ने तूल पकड़ा तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने प्रकरण की जांच के लिए एसपी दक्षिणी मानुष पारीक के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की थी। टीम ने पूरे मामले की जांच शुरू की तो कई परतें खुलती चली गईं। अब बुधवार को फर्जी डिग्री प्रकरण में शेर अली जाफरी और उसके बेटे फिरोज अली जाफरी को एसआईटी ने खुसरो डिग्री कॉलेज से ही गिरफ्तार कर लिया।
ऐसे खुला था फर्जी डिग्री का खेल
खुसरो कॉलेज की तरफ से सैकड़ों छात्रों को डी फार्मा की डिग्री और मार्कशीट जारी की गई थी। जब छात्रों ने नौकरी के लिए आवेदन किया और मार्कशीट दी तो सत्यापन के समय मार्कशीट फर्जी होने का खुलासा हुआ। फिर एक के बाद एक कर मामले में कुल तीन रिपोर्ट दर्ज कराई गईं।
उत्तराखंड तक के छात्रों को दी फर्जी डिग्री
इससे पहले सोमवार को खुसरो कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कामिल हसन जैदी से लंबी पूछताछ कर मंगलवार को फिर दस्तावेजों के साथ बुलाया था। मंगलवार को भी एसपी दक्षिणी ने प्राचार्य से करीब चार घंटे पूछताछ की। प्राचार्य की ओर से लाए गए दस्तावेजों की जांच की तो पाया गया कि खुसरो कॉलेज ने हिमाचल से उत्तराखंड तक के विद्यार्थियों को डी फार्मा की डिग्री और मार्कशीट जारी की है।
अस्पताल पर भी कसेगा शिकंजा
एसआईटी टीम की जांच में शेर अली जाफरी का खुसरो अस्पताल भी अवैध होने की आशंका थी। जिसे लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने सत्यापन के लिए सीएमओ से पत्राचार किया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि खुसरो कॉलेज के प्राचार्य से एसआईटी ने दोबारा पूछताछ की है। खुसरो अस्पताल के सत्यापन के लिए सीएमओ को लिखा गया है। सीएमओ की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई तेज की जाएगी।