दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
बरेली। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से पंजीकृत मदरसों के शिक्षकों को 62 माह से वेतन जारी नहीं हुआ है। जिसके चलते 21000 शिक्षक आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इसी कड़ी में मदरसा टीचर्स यूनियन के शिक्षकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौपा।
मदरसा आधुनिकरण को लेकर मदरसे में अंग्रेजी, हिंदी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर पढ़ाने के लिए शिक्षक रखे गए। लेकिन अब वही शिक्षक अपने हिस्से के वेतन की आस में परिवार के भरण पोषण के लिए दूसरे लोगों के कर्ज़दार हो गए। तों कई प्राइवेट ट्यूशन पढ़ा कर अपना गुज़र बसर कर रहें हैं। वही मदरसा टीचर्स यूनियन के शिक्षकों नें जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस बीच शिक्षक शरीफउद्दीन अंसारी हाथ में मोबाइल लेकर मीडिया रिपोर्ट दिखाते हुए कहते हैं योगी सरकार ने कहा था कि मदरसा आधुनिकरण शिक्षकों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
फिर मदरसा शिक्षकों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। हमारा वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा हैं। शरीफ उद्दीन आगे कहते हैं हमारे पास कोई रास्ता नहीं या तो हम जहर खा लें या फिर वो हमें अपनें हाथों से ज़हर ख़िला दें। वही मदरसा यूनियन टीचर्स के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद कासिम का कहना था बीते 62 माह से लगातार मदरसों को सेवाएं दे रहे हैं।
लेकिन सेवाओं के नाम पर अभी तक मानदेय नहीं मिला है। दूसरों को शिक्षा देने वाले शिक्षकों के बच्चे भुखमरी के कगार पर हैं। वहीं ज्ञापन देने वालों में मोहम्मद कासिम, शबाना बी, मोहम्मद आबिद, परवेज, सगीर अहमद, जुल्फिकार, अकरम खान समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे।
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