दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली। आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत में चंद मुसलमान सन् 6 हिजरी में अरब से आये और इन लोगों का मकसद इस्लाम का प्रचार प्रसार नहीं था बल्कि वह व्यापार के सिलसिले से भारत आये थे। मगर उनके बुलंद किरदार और अच्छे अख्लाक को देखते हुए लोगों ने इस्लाम धर्म अपनाया। फिर काफी सालों के बाद मुसलमानो को भारत में सत्ता हासिल हुई और ये आहिस्ता आहिस्ता बढ़ता चला गया, इस दरमियान सूफियों ने इस्लाम का प्रचार व प्रसार किया जिसके नतीजे में भारत में रहने वाले गैर मुस्लिम इस्लाम मज़हब कुबूल करने लगे।
सबसे पुराना मज़हब बुद्धिज्म
भारत में सबसे पूराना मज़हब बुद्धिज्म के साथ सनातन धर्म और आर्य समाज भी काफी पुराना है। भारत में आबाद गैर मुस्लिमो मे बडी तेजी के साथ इस्लाम फला फूला, इसी वजह से आज 30 करोड़ मुसलमानो की आबादी है। ये तारीखी हकीकत है कि भारत के मुसलमानो के पूर्वज गैर मुस्लिम थे। इससे किसी को इंकार नहीं है। गुलाम नबी आजाद ने जो बात कही है वो बात बिल्कुल ठीक है और इतिहास के हवालो से भी बिल्कुल दुरुस्त है।