बरेली। उत्तर प्रदेश इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आईआईए ने आरोप लगाया कि नगर निगम खाली प्लाटों पर भी टैक्स लगा रहा है। उद्यमी अपना एमएसएमई छोड़कर अब प्लाट देखें इसके बाद नगर निगम को लिखकर दें कि प्लाट खाली है। उन्होंने कहा कि बरेली और आसपास उद्योगों को बढ़ाने नया उद्योग लगाने की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन कुछ अव्यवहारिक औद्योगिक नीतियों की वजह से उद्योगों को रफ्तार नहीं मिल पा रही है।
रहपुरा जागीर समेत कई औद्योगिक क्षेत्रों को चकबंदी से मिले मुक्ति
होटल बरेली पैलेस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईआईए के चैप्टर चेयरमैन तनुज भसीन ने कहा कि परसाखेड़ा रिंग रोड के निर्माण में तेजी लाई जाए। इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि बीडीए के मास्टर प्लान ने जोनल प्लान शामिल किया जाए। इससे देहात क्षेत्रों और गांव में भी उद्योग लगाने पर सहूलियत मिलेगी। रहपुरा जागीर समेत कई ऐसे औद्योगिक क्षेत्र हैं जो 20 साल से चकबंदी के घेरे में हैं। इस वजह से भूउपयोग परिवर्तन नहीं हो पा रहा है। चकरोड चौड़े न होने की वजह से उद्योग स्थापित नहीं हो पा रहे हैं।
1977 से पहले की इंडस्ट्री का डेवलपमेंट चार्ज मांग रहा बीडीए
होटल बरेली पैलेस के मालिक और आईआईए के पदाधिकारी सतीश अग्रवाल ने कहा कि 1977 में बीडीए की बरेली में शुरुआत हुई। लेकिन इससे पहले की भी जो इंडस्ट्री हैं। उनसे भी बीडीए डेवलपमेंट चार्ज मांग रहा है। यह अव्यावहारिक है। इसकी वजह से समस्याएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम टैक्स भी अव्यवहारिक तरीके से वसूल रहा है। होटल को एमएसएमई इंडस्ट्री में शामिल किया गया है तो इंडस्ट्री की निर्धारित दरों के अनुरूप ही टैक्स लेना चाहिए।
यूपी सीडा की अव्यवहारिक नीतियां, डायरेक्टर बदलने पर कराना होता दोबारा एग्रीमेंट
आईआईए के पदाधिकारियों ने कहा कि यूपी सीडा की कुछ नीतियां उद्यमी और उद्योग के लिए अव्यवहारिक हैं। उन्होंने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र को पत्र भेजकर मांग की है। इसके अलावा पिछले दिनों मुरादाबाद आए प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह से भी इसकी मांग की। कहा कि यूपी सीडा डायरेक्टर बदलने पर इंडस्ट्री को नई यूनिट मानकर दोबारा एग्रीमेंट और रजिस्ट्री करवाता है। अतिरिक्त फीस, स्टांप ड्यूटी अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि जो इंडस्ट्री डेड हैं उन्हें वेयरहाउस बनाने की अनुमति मिलनी चाहिए। एमएसएमई आर्थिक विकास की रीढ़ है। कुछ दिक्कतों और अव्यवहारिक नीतियों को दूर कर उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सकता है।
बिजली कनेक्शन और सड़क न होने से अधर में लटका मेगा फूड पार्क
आईआईए के पदाधिकारियों ने कहा कि मेगा फूड पार्क बिजली कनेक्शन और सड़क न होने की वजह से अधर में लटका है। इसके अलावा उन्होंने एक और सुझाव दिया कि फूड के अलावा वहां और भी उद्योग लगाए जाएं। जिससे कि मेगा फूड पार्क को अच्छी तरीके से विकसित किया जाए। बरेली में आईटी पार्क और ईएसआई अस्पताल की भी दिक्कतों को दूर कर उसे विकसित किया जाए। जिससे कि उद्योगों और उद्यमियों को इसका लाभ मिल सके।
एडवांस प्लानिंग और प्रोजेक्ट तैयार करें, निर्णय आते ही लगे इंडस्ट्री
आईआईए के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सुंदरानी ने कहा कि केमिकल इंडस्ट्री की जमीन पर जल्द ही निर्णय आने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मामले में एडवांस प्लानिंग करे और प्रोजेक्ट तैयार करे। जिससे कि निर्णय आने के बाद तत्काल वहां इंडस्ट्री लगनी शुरू हो जाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिव मयूर धीरवानी, कोषाध्यक्ष रजत मेहरोत्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश गोयल, डिविजनल चेयरमैन विमल रेवाड़ी, रीजनल सेक्रेटरी मनोज पंजाबी, सुरेश सुंदरानी, नीरज गोयल, मनोहरलाल धीरवानी, राजीव आनंद, सतीश अग्रवाल, धनंजय विक्रम सिंह, दीपांशु अग्रवाल, सुनीत मूना, कपिल चंदानी, सलील बंसल, ऋषभ दीक्षित, आशीष गुप्ता, अभिनव कटरू, तेजेंद्र सिंह, पीयूष अग्रवाल, रवि प्रकाश अग्रवाल, शेखर अग्रवाल, अशोक मित्तल, मीडिया प्रभारी प्रियंक मूना समेत कई उद्यमी थे।